India News (इंडिया न्यूज), Vikram Misri: भारत और पाकिस्तान 10 मई की शाम 5 बजे से सैन्य अभियान रोकने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि संघर्ष विराम पर अगली डीजीएमओ स्तर की वार्ता 12 मई को होनी है। इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री को पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौते को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। अब उनके समर्थन में राजनयिक और कई नेता भी आगे आए हैं। संघर्ष विराम को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री के खिलाफ बेहद अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं। यह इतनी बढ़ गई कि उन्हें अपना एक्स अकाउंट प्राइवेट करना पड़ा।
अखिलेश यादव और ओवैसी ने किया बचाव
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के अलावा अब वरिष्ठ राजनयिक निरुपमा मेनन राव ने इसे ‘बेहद शर्मनाक’ बताया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने राजनयिकों के पीछे एकजुट होना चाहिए। पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन ने विक्रम मिस्री की ट्रोलिंग को बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि यह शालीनता की हर सीमा को पार कर रहा है एक समर्पित राजनयिक मिसरी ने भारत की पेशेवर और दृढ़ संकल्प के साथ सेवा की है। उनका अपमान करने का कोई आधार नहीं है।
मिस्री के समर्थन में उतरे लोग
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘इस जहरीली नफरत को रोकना होगा। हमें अपने राजनयिकों के पीछे एकजुट होना चाहिए, उन्हें तोड़ना नहीं चाहिए।’ वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने भी मिस्री का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि विक्रम मिस्री एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अथक काम कर रहे हैं। हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं। उन्हें राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऐसे बयान देश के लिए समर्पित दिन-रात काम करने वाले ईमानदार अधिकारियों का मनोबल तोड़ते हैं। निर्णय लेना सरकार की जिम्मेदारी है, व्यक्तिगत अधिकारियों की नहीं। कुछ असामाजिक आपराधिक तत्व अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ खुलेआम अभद्र भाषा की सारी हदें पार कर रहे हैं। ऐसी अवांछित पोस्ट करने वालों के खिलाफ संभव कार्रवाई होनी चाहिए।