India News (इंडिया न्यूज), Memory League World Championship: भारत के एक 20 साल के युवक ने फरवरी 2025 में मेमोरी लीग वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया। कॉलेज छात्र विश्वा राजकुमार ने केवल 13.5 सेकंड में 80 रैंडम संख्याओं का क्रम याद करके न सिर्फ अपनी अद्भुत याददाश्त का परिचय दिया, बल्कि यह साबित किया कि मानसिक क्षमताओं का कोई सीमा नहीं होती। इस लेख में हम जानेंगे कि उन्होंने यह कैसे किया और उनके मेमोरी पैलेस तकनीक के पीछे का विज्ञान क्या है।
मेमोरी लीग वर्ल्ड चैंपियनशिप: एक अद्भुत उपलब्धि
यह प्रतियोगिता न केवल एक चुनौती थी, बल्कि एक अद्भुत मानसिक खेल था। इस खेल में विश्वा ने 80 रैंडम संख्याओं को महज 13.5 सेकंड में याद किया और फिर उन्हें सही क्रम में लिख दिया। यह एक बेहद तेज गति से याद करने की चुनौती थी, जहां प्रत्येक सेकंड कीमती था। इस समय को देखते हुए, यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि एक इंसान की मेमोरी इतनी तेज कैसे हो सकती है।
मेमोरी पैलेस तकनीक: रहस्य और विज्ञान
विश्वा राजकुमार की मेमोरी क्षमता की कुंजी “मेमोरी पैलेस” तकनीक में छुपी हुई है। यह एक प्राचीन रोमन विधि है, जिसे “लोकी की विधि” भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति अपने दिमाग में एक काल्पनिक महल या स्थान का निर्माण करता है और उस स्थान के विभिन्न हिस्सों को याद करने के लिए उपयोग करता है।
न्यूरोसाइंटिस्ट एलेनोर मैगुइरे ने इस विधि के बारे में एक अध्ययन किया था और पाया कि यह मानसिक एथलीट्स, जैसे विश्वा राजकुमार, संख्याओं को याद करने में इस तकनीक का उपयोग करते हैं। यह मेमोरी पैलेस तकनीक संख्याओं और सूचनाओं को स्थिर और क्रमबद्ध तरीके से संग्रहीत करने में मदद करती है, जिससे किसी भी सूचना को आसानी से याद किया जा सकता है।
विश्वा की तैयारी और मेमोरी पैलेस
जब विश्वा से पूछा गया कि उन्होंने मेमोरी लीग वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी कैसे की, तो उन्होंने बताया कि हाइड्रेशन (जल का सेवन) बहुत महत्वपूर्ण था। वे मानते हैं कि मस्तिष्क को अच्छे से काम करने के लिए सही मात्रा में पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि जब आप चीजों को याद करते हैं तो आप उन्हें बोलकर याद करते हैं, और पानी आपकी गला की आवाज़ को साफ रखता है, जिससे याद करने की गति तेज होती है।
उनके मेमोरी पैलेस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका पहला स्थान उनका कमरा था, दूसरा स्थान किचन, तीसरा हॉल और चौथा बरामदा था। वह अपनी याद करने की प्रक्रिया में शब्दों के जोड़े बनाते हैं और उन्हें इन स्थानों पर रखते हैं, जिससे उनका क्रम सही तरीके से दिमाग में बैठता है।
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मेमोरी लीग चैलेंज और विश्वा का अनुभव
मेमोरी लीग में उन्हें 80 रैंडम संख्याओं को याद करने का चैलेंज दिया गया था। यह संख्याएं स्क्रीन पर दिखाई जाती थीं और उन्हें यथासंभव तेज़ी से याद करके फिर एक रिकॉल शीट में सही क्रम में लिखना होता था। विश्वा ने अपनी गति को 13.5 सेकंड में 80 अंक याद करके साबित किया कि वह एक मानसिक खेल के उस्ताद हैं। इस चैलेंज को जीतने के बाद, जब उनसे पूछा गया कि वह कितने खुश हैं, तो उन्होंने कहा, “हां, जीतने के बाद मैं रो रहा था।”
आगे की योजना
विश्वा की इस सफलता के बाद उनकी योजना है कि वह कॉलेज के बाद मेमोरी ट्रेनर बनें और भारत में एक मेमोरी इंस्टिट्यूट स्थापित करें। उनका उद्देश्य दूसरों को भी मेमोरी की तकनीक सिखाना और इस क्षेत्र को और बढ़ावा देना है। उनका मानना है कि अगर सही तरीके से ट्रेनिंग दी जाए तो कोई भी व्यक्ति अपनी मानसिक क्षमताओं को विकसित कर सकता है।
विश्वा राजकुमार की मेमोरी लीग वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह हमें यह दिखाती है कि मानसिक खेल में भी उतनी ही मेहनत और तकनीकी दक्षता की आवश्यकता होती है जितनी शारीरिक खेलों में। उनकी यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी क्षमताओं का सही उपयोग करना चाहते हैं और अपने मानसिक कौशल को विकसित करना चाहते हैं।
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