India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक 2024 आज 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया गया है। इस विधेयक को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन के समक्ष रखा है। वहीं, वही हुआ जिसकी उम्मीद थी। विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा किया। गौरव गोगोई ने वक्फ संशोधन विधेयक पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार संविधान के मूल ढांचे पर हमला कर रही है। विपक्ष के उपनेता गोगोई ने कहा कि रिजिजू ने यूपीए सरकार के बारे में जो कुछ भी कहा वह पूरी तरह झूठ है। उन्होंने मांग की कि सरकार अपने बयान को प्रमाणित करे। उन्होंने कहा, यह विधेयक देश के संघीय ढांचे और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है। सरकार का उद्देश्य भ्रम फैलाना और समाज को बांटना है।
‘ईद पर मुसलमानों को नमाज भी नहीं पढ़ने दी गई’
संसद में हंगामे के बीच गौरव गोगोई ने सवाल उठाया कि जब ईद पर लोगों को खुले में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं थी तो सरकार ने मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा क्यों नहीं की? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब मुसलमानों की हितैषी बनने की कोशिश कर रही है, लेकिन असल में उसकी नजर अल्पसंख्यकों की जमीनों पर है।
भाजपा सरकार पर तीखा हमला
गोगोई ने संसद में भाजपा से पूछा कि आपकी पार्टी में कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं? उन्होंने कहा कि अगर आज मुसलमानों की संपत्ति पर फोकस है, तो कल किसी अन्य समुदाय की जमीनें भी निशाने पर आ सकती हैं।
गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर कानूनी विवादों को बढ़ाना चाहती है, ताकि अल्पसंख्यकों को अलग-थलग किया जा सके। कांग्रेस सांसद ने धारा 29 एल का उदाहरण देते हुए पूछा, “क्या यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) का इस्तेमाल सिर्फ एक समुदाय के खिलाफ होगा या यह सभी पर समान रूप से लागू होगा?”
भाजपा से पूछा गया सवाल?
गोगोई ने दावा किया कि 2013 के संशोधन के बाद से हाईकोर्ट की भूमिका स्पष्ट है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा की सरकारें हैं, उन्होंने वक्फ से जुड़े मामलों में धारा 97 का कितनी बार इस्तेमाल किया है?