India News (इंडिया न्यूज)Waqf Amendment Bill: भारत की संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। आज लोकसभा में करीब आठ घंटे की बहस के बाद संभव है कि यह विधेयक पारित हो जाए। यह विधेयक वक्फ की परिभाषा से लेकर इसके पंजीकरण की प्रक्रिया तक में बड़े बदलाव करने जा रहा है। सरकार वक्फ संपत्तियों की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी मान रही है। जबकि विपक्ष और कई बड़े मुस्लिम संगठनों का कहना है कि सरकार संशोधन के जरिए एक धर्म विशेष के अधिकारों को अपने हाथ में ले रही है।

संसद में आज चल रही बहस में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ किया कि भारत के वक्फ बोर्ड के पास दुनिया में सबसे ज्यादा निजी संपत्ति है। ऐसे में एक सवाल बार-बार उठता है कि क्या अन्य इस्लामिक देशों में भी वक्फ संपत्ति स्थापित करने या उसका प्रबंधन करने की इजाजत है। अगर हां, तो क्या यह राष्ट्रीय स्तर पर कानून है या फिर प्रांतीय स्तर पर लागू की जाने वाली व्यवस्था है। दरअसल, सरकार जब वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई थी, तो उसने यह भी बताया था कि किन इस्लामिक देशों में वक्फ नहीं है।

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किन इस्लामिक देशों में वक्फ नहीं है

सरकार के अनुसार, केवल कुछ ही इस्लामिक देश वक्फ की स्थापना की अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए, तुर्की, लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और इराक में वक्फ की व्यवस्था नहीं है। जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश होने के बावजूद न केवल वक्फ बोर्ड बनाने का अधिकार देता है, बल्कि इसे कानूनी रूप से संरक्षित भी करता है। सरकार का कहना है कि वह नए कानून के जरिए कहीं से भी इस अधिकार को नहीं छीन रही है। बल्कि, इसमें और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रही है।

किस देश में वक्फ पर कानून हैं?

भारत की तरह कई ऐसे देश हैं, जहां वक्फ बोर्ड या संपत्ति की व्यवस्था है। इनमें मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूएई, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ओमान शामिल हैं। इन देशों में वक्फ बोर्ड या इसी तरह की संस्थाएं वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करती हैं। भारत में केंद्र के अलावा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर भी वक्फ बोर्ड हैं। जबकि, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में राष्ट्रीय स्तर पर इस पर कानून हैं। यूएई में कानून प्रांतीय स्तर पर है।

कितनी संपत्ति वक्फ के नाम पर है?

इस समय देश में वक्फ बोर्ड के संरक्षण में करीब 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं। जो करीब 9 लाख 40 हजार एकड़ जमीन पर फैली हुई हैं। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन से कई हजार करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है। जिसका इस्तेमाल मुस्लिम छात्रों और परिवारों की परेशानियों को दूर करने में किया जा सकता है।

वक्फ को लेकर एक और सवाल पूछा जाता है कि क्या एक बार वक्फ घोषित होने के बाद संपत्ति पर दोबारा मालिकाना हक हासिल किया जा सकता है। इसका जवाब है- नहीं। क्योंकि, वक्फ घोषित करने के समय संपत्ति अल्लाह के नाम पर ट्रांसफर हो जाती है। इसे दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता। इसे हमेशा के लिए वक्फ माना जाता है। उदाहरण के लिए- वक्फ का बेंगलुरु ईदगाह ग्राउंड पर 1850 से दावा है।

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