India News (इंडिया न्यूज)Waqf Amendment Bill: केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। सत्ता पक्ष के साथ-साथ कई विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक पर अपने विचार व्यक्त किए। समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। सपा सांसद इकरा हसन ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि आपने दान देने के लिए प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होने का क्लॉज डाला है, लेकिन बोर्ड में होने के लिए प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होना जरूरी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट में धर्मनिरपेक्षता का सार क्यों नहीं मिलाया। मैं खुद एक मुस्लिम महिला हूं और इस सदन में केवल दो महिलाएं हैं। यह बिल मुसलमानों के कल्याण के लिए नहीं, बल्कि मुसलमानों को मिटाने के लिए है। ईद का स्वाद कड़वा बनाना, यही मोदी का असली तोहफा था। केरल के मलप्पुरम से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने भी इस बिल का विरोध किया।
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वक्फ बोर्ड के साथ सौतेला व्यवहार क्यों, इकरा ने पूछा
उत्तर प्रदेश के कैराना से सांसद इकरा हसन ने वक्फ बिल, 2025 का विरोध करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड पर प्रस्तावित सीमाएं अन्य धार्मिक ट्रस्टों पर लागू नहीं होती हैं। वक्फ बोर्ड के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के पक्ष में बिल नहीं है। यह वही सरकार है जिसने राम जन्मभूमि के लिए जिला मजिस्ट्रेट को हिंदू होने का आदेश दिया था। अब वे धर्मनिरपेक्षता का दावा कैसे कर रहे हैं?
‘सरकार अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है’
वहीं, बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने भी बिल पर अपने विचार रखे, उन्होंने कहा कि जेपीसी विषय पर खंड दर खंड चर्चा करने में विफल रही है। इस जेपीसी ने 25 बैठकें कीं, जिसमें तीन हजार से अधिक लोगों को बुलाया गया था। अगर एक व्यक्ति को देखें तो 10 से 15 सेकंड लगते हैं। खंड दर खंड चर्चा नहीं की गई। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि यह मुसलमानों की जमीन हड़पने की केंद्र की चाल है। अगर यह कानून पास हो गया तो भारत की आधी आबादी अदालतों में केस लड़ती नजर आएगी।
कांग्रेस सांसद ने मांग की कि बिल को फिर से ड्राफ्ट किया जाए
उन्होंने आगे कहा कि आप इस बिल को खत्म कर दीजिए और अगर आपकी नीयत सही है तो फिर से बिल का ड्राफ्ट बनाइए और नया बिल लेकर आइए। यह सरकार अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। वे मुसलमानों के खिलाफ राजनीति करते हैं। वे हमें हमारे अधिकार नहीं देते। वे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनकर उन्हें डराना चाहते हैं। मेरा अनुरोध है कि आप भारत के लोगों को आपस में लड़ाना बंद करें। यह बिल संविधान पर हमला है। इसे रोकना हमारा कर्तव्य है।