India News (इंडिया न्यूज)Waqf Amendment Bill: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का समर्थन किए जाने के बाद जेडीयू पार्टी के मुस्लिम नेताओं में रोष है। इसको लेकर नेताओं द्वारा इस्तीफे का दौर जारी है। औरंगाबाद में भी जेडीयू के कई नेता मुख्यमंत्री के इस फैसले से काफी नाराज हैं और शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है।
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औरंगाबाद के इन नेताओं ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वालों में समता पार्टी की स्थापना के समय से 27 वर्षों से उसका समर्थन कर रहे जिला उपाध्यक्ष जहीर अहसन आजाद, जिला महासचिव अतहर हुसैन मंटू, 20 सूत्री सदस्य मोहम्मद इलियास खान, पूर्व वार्ड पार्षद सईद अनवर हुसैन, वार्ड पार्षद खुर्शीद अहमद, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष फकरे आलम, मुजफ्फर इमाम कुरैशी समेत पार्टी से जुड़े दर्जनों मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दिया है।
नेताओं ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन करने वाले नीतीश कुमार अब धर्मनिरपेक्ष नहीं रहे। वे पंगु हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह जिस तरह से लोकसभा में इस बिल पर अपना पक्ष रख रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे कोई भाजपा का मंत्री बोल रहा हो। मुस्लिम संगठनों के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी से मुलाकात न करके उन्होंने साबित कर दिया कि वे बिल के समर्थन में हैं।
मुख्यमंत्री के फैसले से गहरा सदमा
नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से उनके दिल को गहरी ठेस पहुंची है। जदयू पार्टी अब ललन सिंह और संजय झा के हाथों में चली गई है जो भाजपा से हाथ मिलाकर पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं। मुसलमानों को पूरा भरोसा था कि जदयू बिल का विरोध करेगी, लेकिन जदयू ने बिल का समर्थन करके पूरे देश के मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है और उनके साथ विश्वासघात किया है।
नेताओं ने कहा कि अगर कहीं कोई समस्या है, तो उस समस्या को ठीक करने की जरूरत है। हिंदुओं को वक्फ में क्यों लाया गया? मुसलमानों को हिंदू मंदिरों और विभिन्न संस्थानों में क्यों नहीं रखा गया। यह अधूरी नीति काम नहीं आने वाली है। आने वाले समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और देश के मुसलमान उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे।