India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Bill: वक्फ कानून आने के बाद जहां एक ओर बंगाल में हिंसा में भड़क थी वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरवार यानि  17  अप्रैल को वक्फ कानून पर विस्तार से सुनवाई की, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गईं। गुरुवार की सुनवाई के बाद यह टी किया गया कि मुस्लिम पक्ष की ओर से अगली सुनाई को 5 नामी वकील इसके विरोध में अपने तर्क पेश करेंगे। वक्फ बिल को लेकर कई मुस्लिम संगठन और नेता संसद से लेकर सड़क तक विरोध जता चुके हैं। सभी की आपत्ति मुख्य रूप से इस बात पर है कि नए बिल में वक्फ बोर्ड के ढांचे, संपत्ति के अधिकार और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कई अहम बदलाव किए गए हैं।

सरकार ने बताया जरूरी कदम?

वहीं, सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए ये जरूरी कदम हैं, जबकि विपक्षी दलों का तर्क है कि यह बिल अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।इससे पहले वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में सिर्फ मुस्लिम सदस्य ही हो सकते थे, जिसमें निर्वाचित और मनोनीत दोनों तरह के सदस्य शामिल थे। अब सरकार सभी सदस्यों की नियुक्ति करेगी।

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पाकिस्तान में भी विरोध

पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी वक्फ बिल का विरोध किया है। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी, बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर ने इस बिल के पारित होने की निंदा करते हुए बयान जारी किए हैं। मुस्लिम पक्ष ने पांच वकीलों के नाम तय कर लिए हैं जो उनकी ओर से दलीलें पेश करेंगे। ये वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव धवन, सलमान खुर्शीद और हुजैफा अहमदी होंगे।

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