India News (इंडिया न्यूज)Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। सदन में 8 घंटे की चर्चा के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू चर्चा का जवाब देंगे। इसके बाद विधेयक को पारित करने के लिए मतदान होगा। सरकार बुधवार को ही विधेयक को लोकसभा में पारित कराने की तैयारी कर रही है। सरकार इसे राज्यसभा में भी पेश कर पारित कराने की तैयारी कर रही है। वहीं विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। कई जगहों पर मुसलमानों ने इस विधेयक के विरोध में काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज अदा की। आइए जानते हैं वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में क्या है-
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वक्फ विधेयक लाने का सरकार का उद्देश्य क्या है?
8 अगस्त 2024 को दो विधेयक, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024, लोकसभा में पेश किए गए थे। इनका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और वक्फ की संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके। संशोधन विधेयक का उद्देश्य देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। इसका उद्देश्य पिछले कानून की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने जैसे बदलाव करके वक्फ बोर्डों की दक्षता में सुधार करना भी है।
भारत में वक्फ प्रबंधन के लिए कौन से प्रशासनिक निकाय जिम्मेदार हैं और उनकी भूमिकाएँ क्या हैं?
भारत में वक्फ संपत्तियों को वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत विनियमित किया जाता है। वक्फ प्रबंधन में केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी), राज्य वक्फ बोर्ड (एसडब्ल्यूबी) और वक्फ न्यायाधिकरण शामिल हैं। केंद्रीय वक्फ परिषद सरकार और राज्य वक्फ बोर्डों को नीतियों पर सलाह देती है, लेकिन वक्फ संपत्तियों को सीधे नियंत्रित नहीं करती है। जबकि राज्य वक्फ बोर्ड प्रत्येक राज्य में वक्फ संपत्तियों की देखभाल और सुरक्षा करते हैं। दूसरी ओर, वक्फ न्यायाधिकरण विशेष न्यायिक निकाय हैं जो वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों का निपटारा करते हैं।
वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे क्या हैं?
वक्फ संपत्तियों में कोई बदलाव न करने का नियम विवादित रहा है। ‘एक बार वक्फ, हमेशा वक्फ’ के सिद्धांत ने विवादों को जन्म दिया है। दूसरे, कानूनी विवादों और कुप्रबंधन पर भी सवाल उठते रहे हैं। वक्फ अधिनियम, 1995 और इसका 2013 का संशोधन प्रभावी नहीं रहा है, जिसके कारण वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे, कुप्रबंधन और स्वामित्व को लेकर विवाद, संपत्ति पंजीकरण और सर्वेक्षण में देरी, बड़े पैमाने पर मुकदमेबाजी को लेकर चिंताएँ जताई गई हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश करने की प्रक्रिया क्या थी?
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और शासन में कमियों को दूर करने के उद्देश्य से 8 अगस्त, 2024 को पेश किया गया था। इसके बाद, 9 अगस्त, 2024 को संसद के दोनों सदनों ने विधेयक की जांच करने और उस पर रिपोर्ट देने के लिए इसे एक संयुक्त समिति को भेज दिया।
विधेयक के महत्व और इसके व्यापक निहितार्थों को देखते हुए, समिति ने उक्त विधेयक के प्रावधानों पर आम जनता और विशेष रूप से विशेषज्ञों/हितधारकों और अन्य संबंधित संगठनों से विचार प्राप्त करने के लिए ज्ञापन आमंत्रित किए थे।
संयुक्त संसदीय समिति ने छत्तीस बैठकें कीं, जिनमें उसने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, कानून और न्याय, रेलवे (रेलवे बोर्ड), आवास और शहरी मामलों, सड़क परिवहन और राजमार्ग, संस्कृति (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण), राज्य सरकारों, राज्य वक्फ बोर्डों और विशेषज्ञों/हितधारकों जैसे विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों के विचार/सुझाव सुने।