India News (इंडिया न्यूज),waqf bill supreme court: संसद द्वारा पारित वक्फ कानून को लेकर सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। गुरुवार (17 अप्रैल) को लगातार दूसरे दिन इस पर सुनवाई हुई। इस पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश किसी की हार या जीत नहीं है- अजित पवार

इस पर अजित पवार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह आदेश किसी एक पक्ष की जीत या हार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संविधान की मर्यादाओं और प्रावधानों का पालन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दोनों पक्षों को कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखने का मौका- डिप्टी सीएम

अजित पवार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई सात दिन की स्थगन केंद्र सरकार और वक्फ बोर्ड दोनों को कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखने का मौका देती है। यह स्थगन न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, किसी पक्ष के समर्थन या विरोध का प्रतीक नहीं है।” अंतिम निर्णय से पहले टिप्पणी करना उचित नहीं- अजित पवार

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, “संविधान में जो भी प्रावधान हैं, उनका पालन किया जाना चाहिए, यही सुप्रीम कोर्ट की मंशा है। जब तक कोर्ट दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर अंतिम निर्णय नहीं दे देता, तब तक इस विषय पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बाय डीड और वक्फ बाय यूजर को डी-नोटिफाई नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि वक्फ की कोई भी संपत्ति जिसका रजिस्ट्रेशन 1995 के तहत हुआ है, उसे छुआ नहीं जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक सेंट्रल वक्फ काउंसिल और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं होनी चाहिए।

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