India News (इंडिया न्यूज), Shahzadi Case: यूपी के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी खान को दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई है। शहजादी के पिता शब्बीर ने आगरा निवासी उजैर पर आरोप लगाया था कि उसने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर दुबई ले गया, जहां उसे एक बच्चे की हत्या के मामले में फंसा दिया गया। पुलिस ने उजैर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। लेकिन अब पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। एक तरह से पुलिस ने उजैर को क्लीन चिट दे दी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शहजादी को कथित तौर पर उजैर ने प्रेम जाल में फंसाकर दुबई भेज दिया था। जिसके बाद शहजादी दुबई में उजैर के फूफा-फूफी के घर रह रही थी। इस दौरान फूफी के बच्चे की मौत के बाद दुबई की कोर्ट ने शहजादी को फांसी की सजा सुनाई थी। शहजादी को 15 फरवरी को फांसी पर लटका दिया गया। उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को दुबई में किया जाएगा। इस मामले में शहजादी के पिता शब्बीर ने कोर्ट के जरिए उजैर और उसके परिजनों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी।
पुलिस ने क्या कहा?
जिसमें अब पुलिस का कहना है कि इस मामले में उजैर या उसके परिजनों की कोई भूमिका नहीं है। एफआईआर का निपटारा करते हुए पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। यह जानकारी बांदा के मटौंध थाना प्रभारी संदीप कुमार ने साझा की है। शब्बीर खान के मुताबिक उजैर ने शहजादी को प्लास्टिक सर्जरी कराने के नाम पर दुबई में अपने फूफा-फूफी को बेच दिया था। शहजादी दुबई में उजैर के रिश्तेदारों के घर नौकरानी बनकर रह रही थी। इसी दौरान उजैर के फूफा-फूफी के बच्चे की वैक्सीन लगने के बाद मौत हो गई और मौत के करीब 2 महीने बाद उन्होंने शहजादी को बच्चे की हत्या के जुर्म में फंसा दिया। सुनवाई के बाद दुबई की कोर्ट ने शहजादी को फांसी की सजा सुनाई। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद शहजादी के पिता शब्बीर ने उजैर और उसके रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी और बेटी को बेचने का आरोप लगाते हुए कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज कराई थी।
बांदा पुलिस ने की जांच शुरू
मामले में बांदा पुलिस ने जांच शुरू की थी। आगरा जाकर आरोपियों से पूछताछ की थी। जांच के दौरान उजैर का बयान लिया गया था। अब पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया है। इस मामले में मटौंध थाने के पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि शहजादी और उजैर दोस्त थे, दोनों एक दूसरे से बातचीत करते थे। शहजादी अपनी मर्जी से दुबई गई थी। उसके पास दो साल का वीजा भी था। पिता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में जांच और तमाम सबूतों के बाद मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है।
एक साथ 45 पुलिसवाले नौकरी से निकाले गए, सरकारी जॉब में कतई ना करें गलती, कभी भी गिर सकती है गाज
आरोपियों का कोई दोष नहीं मिला
अभी तक सबूतों में आरोपियों का कोई दोष नहीं पाया गया है। जब तक शहजादी दुबई में रही, सैलरी लेती रही, तब तक कुछ सामने नहीं आया और न ही शहजादी के पिता ने कभी कोई शिकायत दर्ज कराई। जब फांसी की सजा का ऐलान हुआ तो शिकायत की गई और कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज कराई गई। फिलहाल मामले में एफआर लगा दी गई है।