Waterlogging in Chennai

इंडिया न्यूज, चेन्नई :

Waterlogging in Chennai चेन्नई इन दिनों भारी बारिश के कहर से जूझ रही है। शहर में बारिश के चलते हर जगह जलभराव होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। बारिश के चलते हुए जलभराव से आई परेशानी पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (GCC) को फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि आने वाले दो तीन दिन में स्थिति नहीं सुधरी, तो स्वत: संज्ञान जनहित याचिका दायर की जाएगी।

Waterlogging in Chennai 2015 की बाढ़ से क्या सबक लिया

चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस पीडी आॅदीकेसावलु की बेंच ने मामले पर टिप्पणी करते हुए जीसीसी के सलाहकार कार्तिक अशोक से सवाल किया कि 2015 में आई बाढ़ के बाद से निकाय बीते 5 साल से क्या कर रहा था।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि निगम को सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए थे और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि भारी बारिश के दौरान शहरवासियों को इस तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि शहर को ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए था, जैसा वह अभी कर रहा है।

Waterlogging in Chennai जलाशयों और नहरों पर अतिक्रमण बाढ़ का कारण

मामले में टिप्पणी करते हुए जस्टिस आॅदिकेसावलु ने कहा कि जलाशयों और नहरों का अतिक्रमण ही चेन्नई में बाढ़ का बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी अतिक्रमण हटा भी देते हैं, तो वे कुछ सालों में फिर आ जाते हैं। न्यायाधीश ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे कुछ मामले भी कोर्ट के सामने आए हैं, जहां सरकार पर जलाशयों पर अतिक्रमण करने के आरोप लगे थे।

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