India News (इंडिया न्यूज),West Bengal:पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ जो हिंसक हो गया। प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी। मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि वह बंगाल में इस कानून को लागू नहीं होने देंगी। दूसरी तरफ, वक्‍फ कानून में किए गए संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। शीर्ष अदालत आनेवाले समय में वक्‍फ संशोधन कानून से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इस बीच, जमीयत उलेमा-ए हिन्‍द के सरवरा मौलना महमूद मदनी ने वक्‍फ संशोधन कानून पर कहा कि वह कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हैं।

महमूद मदनी ने क्या कहा ?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा, ‘यह वक्फ का मसला नहीं है, बल्कि राजनीति से जुड़ा है। यह कानून देश, समाज या मुसलमानों के लिए सही नहीं है।’ मदनी आगे कहते हैं कि हम इसके लिए कुर्बानी देने को तैयार हैं। मदनी यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने विरोध पर आगे कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी और खत्म नहीं होगी।इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी। अगर हमें सब्र भी करना पड़ा तो हम वो भी करेंगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में इसके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान काफी हंगामा हुआ था।हिंसा में कुछ लोग मारे भी गए थे।

बुजुर्गों ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी-महमूद मदनी

महमूद मदनी ने वक्फ की जमीनों पर भी टिप्पणी की है। जमीयत प्रमुख ने कहा कि जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वक्फ कानून के प्रावधान बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। मदनी ने कहा, ‘हमारे बुजुर्गों ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और देश में रहना चुना, कुर्बानियां दीं। देश के संस्थापकों ने कुछ प्रतिबद्धताएं की थीं, लेकिन आज उनकी नींव को रौंदा जा रहा है।’ आपको बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम में वक्फ की जमीनों का रिकॉर्ड रखने और उसके डिजिटलीकरण का प्रावधान किया गया है। इसका मकसद वक्फ कानून को और पारदर्शी बनाना है।

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