India News (इंडिया न्यूज),UP:उत्तर प्रदेश के झांसी में एक मामले की जांच के लिए एनआईए की टीम ने देर रात शहर काजी के भतीजे के घर पर छापेमारी की। मुफ्ती खालिद के घर पर हुई इस छापेमारी में एनआईए की टीम ने उनसे 8 घंटे तक पूछताछ की। एजेंसी ने जब मुफ्ती को हिरासत में लिया तो बड़ा विवाद खड़ा हो गया। पुलिस जब मुफ्ती को लेकर घर से बाहर निकली तो उनके समर्थकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। एनआईए की टीम को भीड़ ने घेर लिया, जिसमें महिलाएं सबसे आगे थीं और वे एनआईए की टीम को मुफ्ती को ले जाने नहीं दे रही थीं, जिससे टकराव की स्थिति पैदा होने लगी। इस दौरान भीड़ में शामिल एक महिला ने विरोध करते हुए कहा ‘या अल्लाह, मेरी मदद करो’।

भीड़ को तितर-बितर करने में नाकाम रही पुलिस

मुफ्ती को हिरासत में लेने को लेकर हो रहे विरोध के बीच भीड़ में शामिल लोगों ने एनआईए की टीम के खिलाफ नारेबाजी भी की। पहले तो एनआईए अधिकारियों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन बाद में उनके और मुफ्ती के समर्थकों के बीच बहस हो गई।इसके चलते इतनी भारी भीड़ जमा हो गई कि वे मुफ्ती को एनआईए की हिरासत से छुड़ाकर ले गए और पुलिस भी उस भीड़ को तितर-बितर करने में नाकाम रही। भीड़ मुफ्ती को छुड़ाकर ले गई और न तो पुलिस और न ही एनआईए की टीम कुछ कर पाई। आपको बता दें कि यह मामला झांसी के अलीगोल खिड़की के पास सलीम बाग कोतवाली क्षेत्र का है।

मुस्लिम बहुल इलाका

जानकारी के मुताबिक, मुफ्ती का घर इलाके की सुपर कॉलोनी में है। यह पूरी तरह मुस्लिम बहुल इलाका है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि जब एनआईए की टीम मुफ्ती को ले जाने लगी तो मस्जिद से ऐलान हुआ और कुछ ही देर में भारी भीड़ जमा हो गई, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भीड़ ने मुफ्ती को एनआईए की हिरासत से छुड़ाया और उन्हें उनके घर से 50 मीटर दूर स्थित फातिमा मस्जिद ले गई। भीड़ में ज्यादातर महिलाएं मौजूद थीं, जिसके चलते एनआईए और यूपी एटीएस की टीम फिलहाल वहां से चली गई।

मुफ़्ती खालिद ने क्या कहा ?

इस मामले में एनआईए और यूपी एटीएस की टीम के जाने के बाद मुफ़्ती खालिद ने बयान देते हुए कहा कि रात करीब 2:30-3 बजे एनआईए दिल्ली के लोगों ने मेरा दरवाजा खटखटाया। मैं डर के मारे दरवाजा नहीं खोला क्योंकि मैं अकेला था और रात भी हो चुकी थी। उन्होंने पूरे घर की अच्छी तरह से तलाशी ली और कुछ भी नहीं मिला। जो भी किताबें उन्हें संदिग्ध लगीं, उन्हें ले लिया। मुफ़्ती खालिद ने बताया कि उन्होंने पासपोर्ट, सऊदी अरब का पुराना वीज़ा जैसे दस्तावेज़ ले लिए। उन्होंने मेरे फ़ोन की जाँच की और मेरे व्हाट्सएप कॉन्टैक्ट और ग्रुप के बारे में पूछा… उन्होंने मुहम्मद इलियास घुमन के बारे में पूछा। मैं एक ऑनलाइन इस्लामिक कोचिंग सेंटर चलाता हूँ जहाँ मैं भारतीय और एनआरआई छात्रों को पढ़ाता हूँ। उन्होंने मेरे बैंक स्टेटमेंट भी चेक किए।

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