India News (इंडिया न्यूज), 1954 Prayagraj kumbh Stampede : प्रयागराज में बुधवार, 29 जनवरी की आधी रात में महाकुंभ में मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। मौनी अमावस्या के मौके पर हुए इस हादसे में कई श्रद्धालुओं के मारे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल यूपी सरकार की तरफ से इसको लेकर अभी तक कोई भी अपडेट नहीं दी गई है। लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है जब कुंभ क्षेत्र में ऐसी घटना हुई हो। एक बार तो भगदड़ का आरोप उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर लगा दिया गया था। चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या था?
इससे पहले महा कुंभ में कब-कब हुई ऐसी घटना?
2013 में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर हादसा-
2025 जैसा हादसा 2013 में प्रयागराज में हुआ था। उस दिन भी मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन भगदड़ मची थी। लेकिन भगदड़ कुंभ मेले में नहीं बल्कि प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मची थी। इस दर्दनाक हादसे में 36 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
2010 में हरिद्वार में कुंभ में मची भगदड़-
साल 2010 में हरिद्वार में कुंभ का आयोजन हुआ था। उस वक्त 14 अप्रैल के दिन मेला परिसर में अचानक से भगदड़ मच गई थी. सरकारी आकड़ों के मुताबिक उस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी।
2003 में नासिक कुंभ में मची भगदड़-
साल 2003 में नासिक में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। इस दौरान यहां पर 27 अगस्त के दिन भगदड़ मच गई थी, जिसमें 39 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
1992 उज्जैन में में मची थी भगदड़-
साल 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन हुआ था, उस दौरान वहां पर भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
नेहरू पर लगा था भगदड़ का आरोप
1954 के दौरान प्रयागराज में पहली बार कुंभ का आयोजन हुआ था। उस दौरान 3 फरवरी को मौनी अमावस्या थी। लेकिन अचानक वहां पर भगदड़ मच गई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उस हादसे में करीब 800 लोगों की मौत हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि इस हादसे से एक दिन पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कुंभ क्षेत्र का दौरा किया था और तैयारियों का जायजा लिया था। जब यह हादसा हुआ तो विपक्ष ने इसका आरोप नेहरू पर मढ़ दिया था।