India News (इंडिया न्यूज), Wholesale Inflation: आम लोगों को महंगाई के भार से राहत मिलती नजर आ रही है। खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के बाद अब थोक महंगाई (Wholesale Inflation) में भी भारी गिरावट आई है। अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई का दर शून्य से भी नीचे आ गई है यह थोक महंगाई का पिछले करीब 3 सालों का सबसे कम दर है।

अब कितनी है थोक महंगाई?

सोमवार को जारी हुए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की दर गिरकर शून्य से 0.92 फीसदी नीचे गिरी है। जुलाई 2020 के बाद ऐसा पहली बार हुआ हे कि थोक महंगाई दर शून्य से भी नीचे गिर गई हो। इससे पहले मार्च महीने के दौरान भी थोक महंगाई की दर में भारी गिरावट देखी गई थी। जो कि अब कम होकर 1.34 फीसदी नीचे आ गई है।

किन कारणों से आई कमी?

वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) का कहना है कि अप्रैल महीने में जो महंगाई में गिरावट आई है उसका कारण कई जरूरी चीजों की कीमतों में गिरावट का आना है। बेसिक मेटल्स, खाने-पीने के सामानों, मिनरल ऑयल, टेक्सटाइल, नॉन-फूड आर्टिकल्स, केमिकल, रबर, पेपर आदि के भाव तेजी से कम हुए हैं। इससे थोक महंगाई भी प्रभावित हुई है।

इतनी कम हुई थी खुदरा महंगाई

थोक महंगाई की दर में लगातार गिरावट आ रही है, अप्रैल 2023 लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई की दर में गिरावट दर्ज की गई है। यह फरवरी में 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.73 फीसदी रही थी यह आम लोगों के लिए डबल राहत है, क्योंकि इससे पहले जारी किए गए खुदरा मूल्य आधारित महंगाई के आंकड़ों में भी गिरावट आई थी। यह खुदरा महंगाई का 18 महीने का सबसे कम स्तर पर दर्ज की गई है।

ये भी पढ़ें- Delhi to Kolkata Trip: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के जरिए सिर्फ 17 घंटे में तय होगा दिल्ली से कोलकाता का सफर