India News(इंडिया न्यूज),India-Pak Relation: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जगजाहिर है, आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हो रही है, इस बीच जो खबर आई है वह बेहद चौंकाने वाली है। सामने आया है कि पाकिस्तान ने अपने सभी परमाणु स्थलों की सूची भारत को सौंप दी है, इसके जवाब में भारत ने भी अपने परमाणु स्थलों का पता पड़ोसी देश को बता दिया है।

दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच परमाणु स्थलों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान एक द्विपक्षीय समझौते के तहत हुआ। नए साल के पहले ही दिन इस समझौते पर मुहर लग गई। यह एक वार्षिक समझौता है जो हर साल किया जाता है। यह जानकारी खुद विदेश मंत्रालय ने दी है।

हम एक-दूसरे को परमाणु स्थल क्यों बताते हैं?

भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु स्थलों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का द्विपक्षीय समझौता 1992 से जारी है। यह प्रक्रिया इसलिए की जाती है ताकि दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु ठिकानों पर हमला न करें। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, परमाणु लक्ष्यों पर हमले रोकने के समझौते के प्रावधानों के तहत इस सूची का आदान-प्रदान किया गया है।

राजनयिक संबंधों से स्थानांतरित सूची

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सोमवार को हुआ यह समझौता राजनयिक माध्यम से हुआ है। यह समझौता 31 दिसंबर 1988 को प्रभावी हुआ। हालांकि, इसे लागू होने में तीन साल लग गए। यह 27 जनवरी 1991 को प्रभाव में आया। तब से हर साल पहली जनवरी को दोनों देश एक दूसरे को अपने परमाणु स्थलों के बारे में जानकारी देते हैं।

33वीं बार बदला गया

भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद को लेकर तो तनाव की स्थिति है ही, इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर लगातार हो रही बयानबाजी से भी आपसी रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है। विदेश मंत्रालय के बाद दोनों देशों के बीच 33वीं बार इस सूची का आदान-प्रदान हुआ है।

पुलवामा हमले के बाद रिश्ते बेहद तनावपूर्ण

पुलवाना हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति है, जिसके बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान और ज्यादा घबरा गया है। कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान लगातार संयुक्त राष्ट्र में भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। भारत कूटनीतिक तौर पर भी पाकिस्तान पर हावी है और सीमा पार आतंकवाद खत्म होने तक बातचीत नहीं करने के अपने रुख पर कायम है।

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