India News (इंडिया न्यूज),Mock Drill:पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मॉक ड्रिल करने के आदेश जारी किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, कल यानी 7 मई को इसका आयोजन किया जाएगा। इस दौरान नागरिकों को हमले के दौरान बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह मॉक ड्रिल 244 चिन्हित जिलों में आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा के लिए बेहतर तैयारी करना है। देश में आखिरी बार मॉक ड्रिल 1971 में आयोजित की गई थी।
जंग लगे सायरन क्यों बजते हैं?
- आपदा जैसी आपात स्थिति में बजते हैं
- तेज़ आवाज़ चेतावनी प्रणाली
- रश सायरन तेज़ होते हैं
- 2-5 किलोमीटर की रेंज में सुने जा सकते हैं
- 120-140 डेसिबल की आवाज़ करते हैं
- इसकी आवाज़ चक्रीय पैटर्न वाली होती है
- आवाज़ धीरे-धीरे तेज़ होती जाती है और फिर कम हो जाती है
इन जिलों में होगी ड्रिल
यह मॉक ड्रिल 244 सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित की जाएगी। 1962 में आपातकाल की घोषणा होने तक, सरकार की सिविल डिफेंस नीति राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सिविल डिफेंस उपायों की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने तक सीमित थी, उन्हें तत्कालीन आपातकालीन राहत संगठन योजना के तहत प्रमुख शहरों और कस्बों के लिए सिविल डिफेंस पेपर प्लान तैयार रखने के लिए कहा गया था। इसके बाद मई 1968 में संसद द्वारा सिविल डिफेंस एक्ट 1968 पारित किया गया।
सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 पूरे देश में लागू है। फिर भी संगठन की स्थापना केवल ऐसे क्षेत्रों और क्षेत्रों में की गई है, जिन्हें दुश्मन के हमले के दृष्टिकोण से सामरिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। और उन 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने की योजना है। ये जिले भारत-पाकिस्तान सीमा से जुड़े हुए हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों के जिले शामिल हैं। वहीं, कुछ संवेदनशील कस्बे भी हैं जिन्हें सिविल डिफेंस जिलों में बदल दिया गया है।
नागरिक सुरक्षा का उद्देश्य जीवन बचाना, संपत्ति की हानि को कम करना, उत्पादन की निरंतरता बनाए रखना और लोगों का मनोबल ऊंचा रखना है। नागरिक सुरक्षा संगठन युद्ध और आपातकाल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसमें वे आंतरिक क्षेत्रों की रक्षा करते हैं, सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान करते हैं और नागरिकों को संगठित करते हैं।
सायरन बजने पर क्या करें?
- तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं
- 5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं
- सायरन बजने पर घबराएं नहीं
- खुले इलाकों से दूर रहें
- घरों और सुरक्षित इमारतों के अंदर जाएं
- टीवी, रेडियो, सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें
- अफवाहों से बचें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
सायरन कहां लगाए जाएंगे?
- सरकारी इमारतें
- प्रशासनिक इमारतें
- पुलिस मुख्यालय
- फायर स्टेशन
- सैन्य अड्डे
- शहर के बड़े बाजार
- भीड़भाड़ वाली जगहें
सिविल मॉक ड्रिल में कौन-कौन भाग लेंगे?
- जिला अधिकारी
- स्थानीय प्रशासन
- सिविल डिफेंस वार्डन
- पुलिसकर्मी
- होमगार्ड
- कॉलेज-स्कूल के छात्र
- राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी)
- राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस)
- नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस)
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