India News (इंडिया न्यूज), Eknath Shinde: महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है, जबकि चुनाव परिणामों को लगभग एक हफ्ता हो चुका है। मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति (बीजेपी, शिवसेना एकनाथ शिंदे और अजित पवार) में भारी तकरार जारी है। क्या एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, या देवेंद्र फडणवीस को मौका मिलेगा, या फिर कोई नया चेहरा सामने आएगा, यह सवाल अब तक अनसुलझा है। सूत्रों के अनुसार, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे फिलहाल अपने गांव सातारा में हैं और आज भी वहीं रहेंगे, जबकि पहले उन्हें मुंबई लौटने का कार्यक्रम था। शिंदे ने मंत्रिमंडल गठन को लेकर नाराजगी जताई है और कहा है कि उन्हें गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और स्पीकर का पद चाहिए। बीजेपी इस मांग पर आपत्ति जता रही है, जिससे माहौल और जटिल हो गया है।
शिंदे ने पीएम मोदी और अमित शाह के पास फेंकी गेंद
एकनाथ शिंदे ने साफ तौर पर कहा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्णय को मानेंगे। शिंदे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा था कि जो भी फैसला पीएम मोदी लेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल थे। इस बैठक से पहले फडणवीस और अजित पवार की मीटिंग दिल्ली में हुई थी।
CM भजनलाल सरकार की नई पॉलिसी! लोगों को रोजगार और विकास के मिलेंगे अवसर
शिंदे अपने गांव में, बैठक स्थगित
शिंदे शुक्रवार को अपने गांव सातारा चले गए, जिसके कारण महायुति की बैठक स्थगित हो गई थी। हालांकि, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा है कि शिंदे शनिवार शाम तक कोई बड़ा फैसला लेंगे। अब बैठक रविवार को मुंबई में होने की संभावना जताई जा रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनना चाहिए। वहीं, शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की जिद पर अड़े हुए हैं। शिवसेना ने 57 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है।
सत्ता बंटवारे की खींचतान से सरकार बनाने में देरी
बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के कारण महाराष्ट्र में सरकार बनाने में देरी हो रही है। कुछ शिवसेना नेता बिहार के मॉडल का उदाहरण दे रहे हैं, जहां जेडीयू के पास बीजेपी से कम सीटें होने के बावजूद नीतीश कुमार एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। महायुति की रविवार को प्रस्तावित बैठक में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।