India News (इंडिया न्यूज),Waqf law PIL supreme court hearing:वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की तीन सदस्यीय पीठ इस मुद्दे पर दायर 73 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के लिए कई याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, जिनमें ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद भी शामिल हैं।इस दौरान याचिकाओं पर सुनवाई  करते हुए सीजेआई ने कुछ ऐसा कहा  जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

हिंदू ट्रस्ट में मुस्लिम को शामिल करेंगे?

बता दें सीजेआई ने कहा कि हम न्यायनिर्णय की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह धर्म से भी जुड़ा हुआ है।एसजी ने कहा कि यहां मुद्दा यह है कि सदस्य गैर-मुस्लिम क्यों हैं।सीजेआई ने कहा कि केवल 8 (मुस्लिम) हैं, हम न्यायनिर्णय की बात नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वे अपना धर्म खो देते हैं। हम पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष हैं। हमारे लिए एक पक्ष या दूसरा एक जैसा है। अगर हम धार्मिक मुद्दे से निपट रहे हैं तो ये मुद्दे उठेंगे। मान लीजिए कि एक हिंदू मंदिर में, राज्यपाल परिषद में सभी हिंदू हैं। आप इसकी तुलना न्यायाधीशों से कैसे कर रहे हैं? बोर्ड में किसे नियुक्त किया जाता है। एससी ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने के लिए तैयार है।

वक्फ बाय यूजर क्यों हटाया गया?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी तीखे सवाल पूछे। CJI ने SG तुषार मेहता से पूछा, वक्फ बाय यूजर क्यों हटाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 14, 15वीं सदी की ज़्यादातर मस्जिदों की सेल डीड नहीं होगी। ज़्यादातर मस्जिदें वक्फ बाय यूजर होंगी। इस पर SG ने कहा कि उन्हें इसे रजिस्टर्ड करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर सरकार ये कहने लगे कि ये ज़मीनें सरकारी हैं तो क्या होगा?

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