इंडिया न्यूज, नई दिल्ली,  (With F-16) : दुनिया एफ-16 के साथ तेजस फाइटर जेट की तुलना कर रही है। तेजस फाइटर जेट की पूरी दुनिया दिवानी है। गौरतलब है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को चौथी पीढ़ी के एफ-16 उन्नत लड़ाकू विमान दिए हैं। लेकिन इस बावजूद अब भारतीय वायु सेना काफी मजबूत हुई है। इसमें फ्रांस के राफेल विमानों के साथ तेजस जेट विमानों के होने से सेना को काफी राहत मिली है। इतना ही नहीं स्वदेश निर्मित तेजस के प्रति दुनिया के कई मुल्कों ने तेजस जेट में भारी दिलचस्पी दिखाई है।

ऐसे में यह बताना काफी जरूरी है कि तेजस जेट विमान भारतीय वायु सेना के लिए कितना उपयोगी हैं। इन तेजस विमानों की क्या खासियत है। क्या भारत, पाकिस्तानी वायु सेना के बेड़े में शामिल एफ-16 से चिंतित है। इस क्रम में भारतीय वायु सेना में शामिल तेजस पर भी चर्चा होगी। उसकी किन खूबियों के कारण दुनिया के विकसित मुल्कों में तेजस के प्रति दिलचस्पी दिखाई है।

दुनिया ने माना तेजस की श्रेष्ठता का लोहा

रक्षा विशेषज्ञ प्रो अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि भारतीय विमान तेजस ने यह दिखा दिया है कि वह कई मामलों में चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विकसित विमानों से श्रेष्ठ है। अपने कई बेजोड़ खूबियों के कारण वह अन्य देशों के विमानों पर भारी पड़ा है। अगर तेजस विमान की तुलना सुखोई से की जाए तो यह उससे ज्यादा हल्का हैं। उन्होंने कहा कि तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इसमें 60 फीसद से ज्यादा कलपुर्जे देश में ही निर्मित हैं। इसकी दो श्रेणियां हैं। इसमें मार्क-1ए और 10 तेजस मार्क-1ए (ट्रेनर) या प्रशिक्षण विमान हैं। एक तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान की कीमत 550 करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से अधिक है।

वायु सेना की भारतीय तेजस से बढ़ी ताकत

देश में निर्मित तेजस जेट विमानों को वायु सेना में शामिल करने के बाद देश की सेना की ताकत में काफी वृद्धि हुआ है। तेजस एलमुनियम, लिथियम एलोय, कार्बन फाइबर कंपोजिट, टाइटेनियम एलाय और स्टील से बनाया गया है। इस वजह से तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में बहुत हल्का है। तेजस का वजन केवल 65 क्विंटल है।

तेजस के हल्का होने के बावजूद भी इसकी ताकत अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से कम नहीं है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके 50 फीसद से अधिक कंपोनेंट देश में ही बने हैं। फरवरी 2019 में तेजस को एयरफोर्स में शामिल किया गया था। तेजस हल्के वजन में बहुत कारगर लड़ाकू विमान है क्योंकि वह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है।

लैडिंग और टेक आफ के लिए बहुत कम जरूरत पड़ती है जगह

तेजस को लैंडिंग और टेक आफ के लिए बहुत कम जगह की जरूरत पड़ती है। जिसके कारण तेजस के लिए हथियार ले जाना काफी आसान है। तेजस दुर्गम इलाकों में भी आसानी से लैंड कर सकता है। इसके अलावा तेजस को रडार से बचने में महारत हासिल है। हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मामलों में यह हमला करने में काफी कारगर है।

तेजस हर तरह के मौसम में काम करने में पूरी तरह से सक्षम है। यह सब खूबियां तेजस को एक अनोखा एयरक्राफ्ट बना दी है। सुखोई विमान की तरह तेजस कई तरह के हथियार और मिसाइल आसानी से ले जा सकता है। तेज हवा में भी ईंधन भरकर तेजस फिर से दुश्मन के इलाके में आसानी से जा सकता है।

तेजस विमान की खूबियों से दुनिया को कराया रूबरू

देश के तेजस विमान ने दुनिया को अपनी खूबियों से रूबरू कराया है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े देश तेजस खरीदने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मलेशिया, कोलंबिया, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के अलावा और भी देश तेजस खरीदने में काफी रूची दिखा रहे हैं। भारत ने मलेशिया को 18 तेजस एयरक्राफ्ट बेचने की पेशकश की है। तेजस विमान को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। तेजस सिंगल इंजन वाला मल्टीपर्पज फाइटर एयरक्राफ्ट है जो किसी भी परिस्थिति में अपने काम को अंजाम दे सकता है।

वर्ष 2016 में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एफ-16 फाइटर जेट का हुआ था सौदा

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच वर्ष 2016 एफ-16 फाइटर जेट पर सौदा किया गया था। दोनों देशों के बीच यह रक्षा सौदा भारत के सामरिक हितों के लिए खतरनाक है। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस रक्षा सौदे को हरी झंडी दी थी।

ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को लगभग 70 करोड़ डालर कीमत के आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने का फैसला किया था। उस समय भारत ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब कर पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के निर्णय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे दुखद बताया था।

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