India News (इंडिया न्यूज), Bangladeshi Rohingya In Delhi : भारत में बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपेठियों को लेकर मोदी सरकार एक्टिव हो रखी है। बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपेठियों के द्वारा अराजकता फैलाने की खबरे भी सामने आती रहती हैं। अब इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली में इनका आतंक किस कदर फैला हुआ है, उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इन लोगों ने रिपोर्टिंग कर रहे एक यूट्यूबर को अपना कैमरा ही बंद करना पड़ गया।
असल में दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बांग्लादेशी रोहिंग्या शरणार्थियों पर रिपोर्टिंग कर रहे एक यूट्यूबर को एक महिला द्वारा अपमानित किए जाने का मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक यूट्यूबर के कैमरे को महिला ने बंद करवा दिया। इसके बाद जब रिपोर्टर ने पूछा कि यह पाकिस्तान थोड़े न है तो महिला ने कहा-पाकिस्तान ही समझ लो। कहासुनी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
महिला ने बंद करवाया पत्रकार से कैमरा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कालिंदी कुंज इलाके में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूथ मीडिया टीवी के पत्रकार वहां पहुंचे थे। तभी एक महिला ने उन पर आपत्ति जताई और उनके साथ बदसलूकी शुरू कर दी। दरअसल, वह पत्रकार वहां रह रहे लोगों से पूछ रहा था कि वे लोग कितने दिनों से एरिया में रह रहे हैं। एक लोकल ने बताया कि वह लोग बांग्लादेश से आए हैं। उसी समय एक महिला आई और उससे भिड़ गई। महिला ने पत्रकार से कैमरा बंद करने को कहा। जब पत्रकार ने कैमरा बंद करने से इनकार किया तो उसने पूछा कि सरकारी है?
बहस बढ़ने के बाद रिपोर्ट ने जब महिला से पूछा कि कैमरा क्यों बंद करने को कह रही हो, क्या यह पाकिस्तान है? इस पर उसने जवाब दिया कि पाकिस्तान ही समझ लो। उसने कहा कि आप कहीं जाकर शूट करो, जहां पर लोकतंत्र हो।
बड़ी संख्या में इस इलाके में रहते हैं रोहिंग्या
कुछ रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली के कालिंदी कुंज में काफी संख्या में रोहिंग्या रहते हैं। इसको लेकर इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ से पूछा था कि दिल्ली में रोहिंग्यास कहां रह रहे हैं और उनको क्या-क्या सुविधा मुहैया कराया गया है। जिसके बाद सामने आया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को सरकारी स्कूल और हास्पिटल्स में दाखिला नहीं मिल रहा क्योंकि उनके पास आधार नहीं है। लेकिन आधार केवल भारतीय नागरिकों को मिलता है। उनके पास यूएन का रिफ्यूजी कार्ड है। इसके आधार पर उनको यह सुविधा मिलनी चाहिए।
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