India News (इंडिया न्यूज), Women Reservation Bill on Parliament: लोकसभा में इस वक्त महिला आरक्षण बिल पर चर्चा चल रही है। विपक्ष और सत्तपक्ष महिला आरक्षण बिल को लेकर पूरी तरह सहमत हैं, फिर में संसद में दोनों पक्षों में गर्मा गर्मी का लगातार बनी हुई है। बुधवार को संसद में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यवाही की शुरूआत की। उन्होंने सत्ता पक्ष से सवाल किया कि आखिर अब महिला आरक्षण बिल को पेश करने में किस बात की देरी है? इसके बाद बीजेपी संसद निशिकांत दूबे बोलने के लिए खड़े हो गए और उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला किया। ये ही नहीं उन्होंने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वो स महिला आरक्षण पर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये देश संविधान से चलता है। इस दौरान निशिकांत दुबे ने संसद में पूरानी घटनाओं का भी जिक्र किया।
पहले जानिएं सोनिया गांधी ने संसद में क्या कहा
दरअसल सोनिया गांधी ने कांग्रेस प्रधानमंत्रियों का जिक्र हुए अपने भाषण में निकाय चुनाव में आरक्षिण की बात कही। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है… मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा? कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए।”
बीजेपी संसद ने सोनिया गांधी पर साधा निशाना
इसके जवाब में बीजेपी संसद निशिकांत दूबे ने कहा, ” सोनिया गांधी कह रही है कि हमने पंचायत में महिलाओं को आरक्षण दिया। लेकिन आर्टिकल 243 (D) भी उन्हीं की देन हैं, जिसमें कहीं भी ओबीसी आरक्षण की बात नहीं की गई है। 1952 से लेकर आजतक किसी ने OBC आरक्षण की बात नहीं की। विधानपरिषद और राज्यसभा में भी आरक्षण की बात नहीं की, लेकिन आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये बिल आ रहा है, तो आप कह रहे हैं कि राज्यसभा में आरक्षण नहीं है। आपने पहले पंचायत में ओबीसी को आरक्षण क्यों नहीं दिया?”
मुलायम सिंह यादव के बयान का किया जिक्र
बीजेपी संसद ने अपने भाषण में कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता महिलाओं के बारे में क्या सोचते हैं ये भी जानना जरूरी है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के द्वारा ‘परकटी’ बयान का मुद्दा छोड़ते हुए कहा कि इसी सदन में 2011 में भयंकर घटना हुई। 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ, लोकसभा में 2011 में आया, इन्हीं के सहयोगी दल के नेता वी नारायण स्वामी बिल पेश कर रहे थे। तभी समाजवादी पार्टी के सांसद यशवीर सिंह गए और बिल खींच लिया। इसी वेल में उनका कोई कॉलर पकड़ने आया तो वो मैडम सोनिया गांधी थीं। मैंने कहा कि आप महारानी नहीं है आप मारपीट नहीं कर सकती। विलास मुत्तेवार ने उनको पीटा। उस वक्त मुलायम सिंह यादव सदन में नहीं थे। मुलायम सिंह यादव ने इस घटना के बाद कहा कि यदि बीजेपी नहीं होती तो आज के डेट में हमारे सांसद नहीं बचते।
“हम कुछ भी असंवैधानिक नहीं करते”
उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस पार्टी लॉलीपॉप की तरह महिला आरक्षण के मुद्दे को घुमाते रहे। जिनको इस बात से दिक्कत है कि ये बिल 2024 में लागू क्यों नहीं होगा, 2026 में लागू क्यों होगा, वो पहले आर्टिकल 82 पढ़ लें। हमारे गृहमंत्री कहते हैं कि हम कुछ भी असंवैधानिक नहीं करते। हम संवैधानिक तरीके से महिला आरक्षण बिल लागू कराएंगे। दुबे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में फिर से गलत तरीका का माहौल पैदा किया जा रहा है। 26 पार्टियों का घमंडिया गठबंधन ये काम कर रहा है।”
“इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रही”
उन्होंने सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जब सोनिया गांधी ने विपक्ष की ओर से भाषण शुरू किया तो मुझे लगा कि वो राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संसद में महिला आरक्षण के मुद्दे पर सबसे ज्यादा आवाज उठाने वाली बंगाल की गीता मुखर्जी और बीजेपी की सुषमा स्वराज थीं। सोनिया गांधी ने अपने भाषण में किसी का जिक्र नहीं किया। वो खुद क्रेडिट लेना चाहती हैं, वो इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन ये बीजेपी का बिल है प्रधानमंत्री मोदी का बिल है।”
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