India News (इंडिया न्यूज), What Chemicals Polluting Yamuna: इन दिनों दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना नदी को लेकर राजनीति तेज दिख रही है। दिल्ली चुनावों के बीच अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगा दिया है कि हरियाणा से यमुना में जहर मिलाया जा रहा है तो सीएम नायब सैनी ने नदी का पानी पीकर दिखा दिया। हालांकि, दिल्ली की यमुना में उठते सफेद झाग से साफ जाहिर है कि हिंदू धर्म की इस पवित्र नदी का पानी अब पीने लायक नहीं बचा है। आगे जानें यमुना में किस तरह के कैमिकल सफेद झाग बना रहे हैं और ये कैमिकल कहां से आ रहे हैं?

कहां से आती है Yamuna की गंदगी?

यमुना के पानी में कई स्रोत से गंदगी आती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीवर से लेकर फैक्ट्रियों से आने वाला कचरा इस नदी को गंदा करता है। इसके अलावा धार्मिक आयोजनों से जुड़ी सामग्री भी इसी नदी में आकर गिरती है। यही नहीं ये भी दावा या गया है कि हिंडन नदी का गंदा पानी भी यमुना में आकर मिल रहा है। इन गंदियों से मिलकर यमुना में खतरनाक कैमिकल युक्त झाग तैयार हो जाता है, जिसमें अमोनिया और फॉस्फेट की भयानक मात्रा होती है। इसके अलावा अन्य कई जानलेवा कैमिकल भी यमुना के पानी में घुल गए हैं।

कौन हैं हरप्रीत कौर बबला? जिन्होंने चुनाव से पहले तोड़ दिए Arvind Kejriwal के हौसले, BJP की बड़ी जीत

क्या होगी इंसानों की हालत?

इन कैमिकल्स यानी झाग के संपर्क में आने भर से इंसानी शरीर में कई तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। जिनमें सांस लेने में दिक्कत और स्किन से जुड़ी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। छठ पूजा जैसे आयोजनों से पहले नदी से कैमिकल अस्थाई रूप से रोकने के लिए लगभग 12 से 15 टन एंटी फोमिंग घोल का छिड़काव किया जाता है। दिलचस्प बात ये भी है कि साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान यमुना अपने आप साफ होने लगी थी। दावा किया गया था कि 20 सालों में यमुना का पानी सबसे साफ 2020 में ही हुआ था लेकिन अब इस नदी की हालत और भी बदतर हो चुकी है।

दिल्ली में हो रहे इस ‘पाप’ पर पहली बार ये क्या बोल गए PM Modi? अरविंद केजरीवाल को लगेगा सबसे बड़ा शॉक