India News (इंडिया न्यूज), Sambhal News: संभल में बिजली चेकिंग को लेकर कल सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। जिसका नेतृत्व खुद डीएम और एसपी कर रहे थे। इस दौरान नखासा थाना क्षेत्र के मोहल्ला दीपा सराय से सटे खग्गू सराय में स्थित एक मंदिर पर ताला लटका देख रुक गए और ताला खुलवाया तो अंदर मंदिर दिखा। लोगों ने बताया कि उक्त मंदिर 46 वर्षों से बंद है। मुसलमानों के गढ़ में स्थित इस मंदिर में अब तक हिंदुओं की जाने की हिम्मत नहीं होती थी। डीएम और एसपी ने पुराने शिव मंदिर को खुलवा दिया है। इसको लेकर शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है। 

जिलाधिकारी ने कही ये बात

जिलाधिकारी ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की बात कही है। जब भी बिजली विभाग की टीम ने संभल के मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में चेकिंग करने की कोशिश की तो उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया। अब चेकिंग की कमान खुद पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने संभाल ली है। इसी क्रम में सुबह-सुबह बिजली विभाग की टीम ने पुलिस व पीएसी के साथ शहर के मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ले खग्गू सराय में चेकिंग अभियान चलाया। यहां मंदिर जैसा गुंबद देखकर अफसर रुक गए और वर्षों पुराना ताला लटकता देख ताला खुलवाया। यह जीर्ण-शीर्ण हालत में शिव मंदिर था। सामने हनुमान जी की मूर्ति और नीचे शिवलिंग पर मिट्टी व मलबे की परत जमी थी। मौके पर मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र व सीओ अनुज चौधरी जूते उतारकर अंदर गए और शिवलिंग के आसपास से मलबा हटाकर जगह की सफाई की।

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यहां पूर्व में चढ़ाए गए कुछ सिक्के भी मिले। पहले यहां हिंदू आबादी थी। मंदिर में शिवलिंग व हनुमान जी को नमन करते हुए लोगों में घंटा बजाई और भगवान के जयकारे लगाए। मौके पर काफी लोग भी एकत्र हो गए। अफसरों ने यहां कुछ लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि पहले यहां हिंदू आबादी थी, लेकिन फिर यह इलाका मुस्लिम आबादी से भर गया। लोगों के घरों में आग लगा दी गई, उनके मकानों व जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद हिंदुओं ने मंदिर में जाने की हिम्मत नहीं की। 

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नगर हिंदू सभा के संरक्षक ने कही ये बात

शनिवार को नगर पालिका की टीम बुलाई गई और नगर पालिका को मंदिर पर हुए अवैध कब्जे को हटाने और कुएं को खुलवाने के आदेश दिए गए। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु सरन रस्तोगी ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी हुआ करती थी। लेकिन 1978 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान कई हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई थी। डर के कारण हिंदू परिवार यहां से पलायन कर हिंदू आबादी वाले इलाके में बस गए। उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन कीर्तन हुआ करता था। मंदिर के ठीक बगल में एक कुआं है। जिसे अकील अहमद ने भर दिया था। मंदिर मुस्लिम आबादी में होने के कारण इस पर कब्जा कर घर में मिला लिया गया है।

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