INDIA NEWS (DELHI): उत्तर प्रदेश योगी सरकार में एक बार फिर कुछ जगहों का नाम बदल दिया गया है। गृह मंत्रालय ने योगी सरकार की तरफ से शहर के नाम बदने वाले प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
ऐसे में गोरखपुर के मुंडेरा बाज़ार का नाम बदल कर चौरी-चौरा रख दिया गया। साथ ही देवरिया के तेलिया अफ़ग़ान का नाम बदल कर तेलिया शुक्ला कर दिया गया।
क्या है बदलने की प्रक्रिया ?
आपको बता दे राज्य का नाम बदलने की प्रक्रिया संविधान के ARTICAL 3 में है। केंद्र राष्ट्रपति की अनुशंसा पर राज्य के नाम में बदलाव का बिल संसद में लाता है।
राज्य अगर खुद नाम बदलना चाहती तो उसकी भी प्रक्रिया तय है।
राज्य सरकार को नए नाम का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करवाना होगा। फिर यह प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा। राष्ट्रपति अगर उचित माने तो इस पर केंद्र सरकार को अनुशंसा देगी। फिर बिल संसद में पारित हुआ तो दोबारा राष्ट्रपति के पास जायेगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नाम बदलने की अधिसूचना जारी होगी।
आज़ादी के बाद कुछ राज्य के नाम बदले गए
आजादी के बाद से अंग्रेजों की गलतियों की वजह से ज्यादातर नाम परिवर्तन किए गए। आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को यूनाइटेड प्राविजन का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश कर दिया। उसी साल 26 जनवरी 1950 को ईस्ट पंजाब के नाम को बदल कर पंजाब कर दिया गया।
साल 2000 में उत्तर प्रदेश के विभाजन में बना प्रदेश जिसका नाम उत्तरांचल था उसको साल 2007 में उत्तराखंड कर दिया गया।