India News (इंडिया न्यूज), Uddhav Sena and Shinde Sena On Waqf Bill : लोकसभा में वक्फ विधेयक संशोधन पर चर्चा के दौरान बुधवार को शिंदे सेना और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के बीच तीखी नोकझोंक हुई। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार, जटिलताओं को दूर करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रबंधन शुरू करना है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांचे गए और फिर से तैयार किए गए विधेयक को पेश करते हुए रिजिजू ने कहा कि कानून का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्तियों से संबंधित है।

विपक्ष के शोरगुल के बीच रिजिजू ने कहा, सरकार किसी भी धार्मिक संस्थान में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है। यूपीए सरकार द्वारा वक्फ कानून में किए गए बदलावों ने इसे अन्य कानूनों पर हावी कर दिया है, इसलिए नए संशोधनों की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा, आपने (विपक्ष ने) उन मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जो वक्फ विधेयक का हिस्सा नहीं हैं। रिजिजू ने यह भी दावा किया कि जेपीसी की परामर्श प्रक्रिया भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में संसदीय पैनल द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कवायद थी।

शिवसेना यूबीटी बनाम शिंदे सेना

सेना यूबीटी के अरविंद सावंत ने लोकसभा में कहा, यह ईसाई, जैन और सिखों के साथ भी हो सकता है। जिस तरह से उन्होंने बिल पेश किया है, उससे पता चलता है कि आपके मन में कुछ और ही है। हमें नफरत नहीं बल्कि सद्भाव चाहिए। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे ने हालांकि यूबीटी पर पलटवार किया। यूबीटी को आज हिंदुओं से एलर्जी होने लगी है। अगर बाला साहब ठाकरे आज जिंदा होते, तो उन्हें यूबीटी के रवैये से दुख होता… इतने सालों में वक्फ की जमीनें बढ़ती रही हैं। यह बिल गरीब मुसलमानों के लिए उम्मीद की किरण है।

एकनाथ शिंदे ने वक्फ बोर्ड पर क्या कहा?

एकनाथ शिंदे ने एएनआई से कहा, वक्फ बोर्ड पर शिवसेना का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है… हम सत्ता या स्वार्थ के लिए अपने विचारों से कभी समझौता नहीं करेंगे… वक्फ संशोधन विधेयक पर भी हमारा रुख स्पष्ट है… वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समाज के आम लोगों के कल्याण और उनकी तरक्की के लिए है। एकनाथ शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में फूट डालने का दावा करते हुए दावा किया था कि पार्टी हिंदुत्व और बाल ठाकरे द्वारा बनाए गए मूल्यों को भूल गई है। तब से दोनों समूह कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन गए हैं और एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

‘वक्फ ने छुपाई अपनी आय’

रिजिजू ने कहा कि 2004 तक वक्फ के पास कुल 4.9 लाख संपत्तियां थीं और उनकी आय सिर्फ 163 करोड़ रुपये थी। मंत्री ने कहा कि 2013 के संशोधन के बाद आय सिर्फ 3 करोड़ रुपये बढ़कर 166 करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने कहा, हम इतनी बड़ी संपत्ति से इतनी कम आय स्वीकार नहीं कर सकते। यह आय कम से कम 12,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए थी। वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल गरीब मुसलमानों के लिए किया जाना चाहिए और इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वक्फ विधेयक की जरूरत है।

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