India News (इंडिया न्यूज़), Zomato Pure Veg Mode: फ़ूड डिलीवरी कंपनी ज़ोमैटो ने मंगलवार (19 मार्च) को ऑल-वेज सेवा पुरे देश में शुरू कर दिया है।कंपनी के इस कदम के बाद सिर्फ शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां से भोजन सूचीबद्ध और वितरित करेगा। वहीं जोमैटो के इस निर्णय ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने ज़ोमैटो के नए प्योर वेज मोड की वजह से जातिवादी करार दिया है। वहीं जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने कहा कि यह किसी भी धार्मिक या राजनीतिक प्राथमिकता की सेवा या अलगाव नहीं करता है। बता दें कि, सोशल मीडिया पर मंगलवार (19 मार्च) को दीपिंदर गोयल की पोस्ट तेजी से वायरल हुई। जिसके माध्यम से उन्होंने कंपनी के 100 प्रतिशत शाकाहारी आहार प्राथमिकता वाले ग्राहकों के लिए प्योर वेज मोड और प्योर वेज फ्लीट लॉन्च किया।

गोयल ने किया प्योर वेज मोड को लॉन्च

दरसअल, जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने जोमैटो के प्योर वेज मोड और प्योर वेज फ्लीट को लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सेवा भारत की आबादी के उस बड़े हिस्से की प्रतिक्रिया के बाद शुरू की गई है, जो 100 फीसदी शाकाहारी है। साथ ही प्योर वेज मोड के रेस्तरां में सिर्फ उन आउटलेट्स की ही सूची होगी जो केवल शाकाहारी भोजन पकाते और परोसते हैं। गोयल ने आगे कहा कि यह भोजन एक बेड़े द्वारा वितरित किया जाएगा जो केवल इन दुकानों को आपूर्ति करता है। वहीं गोयल की इस घोषणा के तुरंत बाद से सोशल मीडिया पर ज़ोमैटो को ट्रोल्स का सामना करना पड़ा। साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स ने कंपनी के प्योर वेज मोड और प्योर वेज फ्लीट के लिए कंपनी की आलोचना की।

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सोशल मीडिया पर जोमैटो का हुआ विरोध

बता दें कि, सोशल मीडिया पर जोमैटो को ट्रोल करते हुए यूजर्स ने पूछा कि उन शाकाहारियों के लिए एक अलग बेड़ा कैसा रहेगा, जिनके पास प्याज और लहसुन नहीं है और वे इसे अपने शाकाहारी भोजन में नहीं मिलाना चाहते हैं। साथ ही झटका और हलाल नॉन वेज के लिए अलग बेड़ा कैसा रहेगा। क्या मूर्खतापूर्ण कदम है। इसके अलावा यूजर्स ने पूछा कि तो कंपनी कब तक ये निर्णय लेगी कि शाकाहारी भोजन का चालक भी शाकाहारी होना चाहिए? साथ ही क्या यह शुद्ध शाकाहारी बेड़ा शुद्ध ईंधन पर चलता है, जिसमें विघटित मृत जानवर शामिल नहीं हैं? क्या चालक शुद्ध शाकाहारी है? इसके साथ ही कुछ लोगो ने जोमैटो को प्रतिगामी और जातिवादी होने का भी आरोप लगा दिया है।

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