India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:भारत-बांग्लादेश सीमा पर जीरो लाइन पर 13 लोग फंस गए हैं। बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) द्वारा उन्हें प्रवेश देने से इनकार करने और भारत द्वारा उन्हें वापस लेने से इनकार करने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। पिछले कुछ समय से भारत की ओर से अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश भारत के इस कदम का विरोध कर रहा है। बांग्लादेशी नेता और अधिकारी इसे अपनी संप्रभुता पर हमला और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं। ऐसे में सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने मंगलवार को 67 अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेज दिया था, लेकिन बुधवार को भेजे गए 13 लोगों को बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा बलों ने अपनी सीमा पर प्रवेश देने से मना कर दिया। भारत ने भी उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दी। इसके कारण ये लोग दोनों देशों के बीच ‘जीरो लाइन’ पर फंस गए। ये 13 लोग लालमोनिरघाट में फंसे हैं। इनमें महिलाएं और शिशु भी शामिल हैं। इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है।
बांग्लादेश ने कड़ी प्रतिक्रिया
भारत द्वारा भेजे जा रहे लोगों पर बांग्लादेश ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। बांग्लादेशी सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने 26 मई को एक बयान में धमकी दी कि भारत द्वारा इस तरह से हमारी सीमा में लोगों को भेजना अस्वीकार्य है। जरूरत पड़ने पर सेना हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है।
800 से अधिक लोगों को भेजा
बांग्लादेशी मीडिया ने कहा है कि 7 मई से अब तक भारत ने 800 से अधिक लोगों को भेजा है। इनमें भारतीय नागरिक और रोहिंग्या शामिल हैं। भारत का कहना है कि इस साल अप्रैल तक करीब 100 अवैध अप्रवासियों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंपा जा चुका है। साल 2016 में भारत सरकार ने संसद को जानकारी दी थी कि भारत में करीब दो करोड़ अवैध बांग्लादेशी रह रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसका अधिकांश हिस्सा खुला है। ऐसे में बांग्लादेश से लोगों का अवैध आगमन भारत के लिए परेशानी का सबब रहा है। इसी साल फरवरी में भारत सरकार ने अहम फैसला लेते हुए सीमा पर बाड़ लगाने का ऐलान किया था। भारत ने बांग्लादेश सीमा पर 3,232 किलोमीटर लंबी बाड़ लगाई है। हालांकि, बांग्लादेश ने इसका विरोध भी किया है। पिछले साल अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास आ गई है। हसीना के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभालने वाले मोहम्मद यूनुस ने चीन और पाकिस्तान से हाथ मिला लिया है। इसका सीधा असर बांग्लादेश और भारत के रिश्तों पर पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच अवैध प्रवासियों समेत कई मुद्दों पर तनाव है।