India News (इंडिया न्यूज), Grabage In Britain : सैकड़ों सालों तक भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन की आज ऐसी हालत हो गई है कि वहां के लोग खुली हवा में सांस भी नहीं ले पा रहे हैं। सड़कों पर 17,000 टन कचरा पड़ा है। हालात ये हो गए हैं कि लोग अपने घरों से भी नहीं निकल पा रहे हैं। सड़ता हुआ कचरा, तेज बदबू और चूहे-कॉकरोच ने वहां के लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इन सब परेशानियों की वजह से लोगों का सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। दरअसल, ये पूरा मामला ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर का है, जहां पिछले चार हफ्तों से कचरा कलेक्शन का काम बंद है।

इसकी वजह से वहां की सड़कों पर करीब 17,000 टन कचरा जमा हो गया है। कभी भारत को गरीब कहने वाले अंग्रेज आज खुद ऐसी स्थिति में आ गए हैं, जहां उनकी सरकार भी कुछ नहीं कर पा रही है। वहीं, बर्मिंघम शहर के कर्मचारी कचरा कलेक्शन और रिसाइकिलिंग (WRCO) अधिकारी की नौकरी खत्म किए जाने के विरोध में हड़ताल पर हैं। लोगों का कहना है कि सरकार बर्मिंघम को ‘तीसरी दुनिया का देश’ बनाना चाहती है।

कूड़े की भरमार, चूहों का आतंक

सड़कों पर पड़े कूड़े की वजह से चूहों की संख्या भी बढ़ गई है। इसकी वजह से लोगों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट में शहर में रहने वाले और कार रिपेयर व्यवसायी सुहैल सादिक का कहना है कि कूड़े की वजह से चूहे उनके काम में बाधा डाल रहे हैं। सादिक ने बताया कि पिछले सप्ताह 15 कारों की मरम्मत की गई, जिनकी बैटरी के तार चूहों ने कुतर दिए। चूहे गर्मी के लिए कारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस वजह से उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।

बर्मिंघम में कूड़े संकट के पीछे की वजह

यहां बात सिर्फ कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी की नौकरी में कटौती की नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत साल 2017 में हुई थी। उस समय बर्मिंघम में कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। उस समय काउंसिल ने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए एक नया पद बनाया था, जिसे WRCO कहा गया। लेकिन यह पद दरअसल कर्मचारियों को ज्यादा वेतन देने का एक तरीका था, न कि कोई नया काम सृजित करना।

तब बर्मिंघम काउंसिल को महिला कर्मचारियों के लिए समान वेतन के मामले में हार का सामना करना पड़ा था। काउंसिल पर पुरुष कर्मचारियों को ज़्यादा वेतन देने लेकिन महिला कर्मचारियों को समान सुविधाएँ न देने का आरोप था। इसके कारण बर्मिंघम को 1.1 बिलियन पाउंड का भुगतान करना पड़ा और अब काउंसिल इस वित्तीय संकट से उबरने के लिए कचरा संग्रहण चौकी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इस बारे में कर्मचारियों का कहना है कि काउंसिल का प्रस्ताव उनके साथ न्याय नहीं है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन ने बदल दिया पूरा गेम, लॉच कर दिया अपना सबसे विनाशकारी हथियार, भारत से लेकर अमेरिका तक मच गया हड़कंप

गाजा छोड़िए…नेतन्याहू ने इस ताकतवर देश के दो सांसदों के साथ किया ऐसा काम, ट्रंप को भी लगा झटका