India News (इंडिया न्यूज), Abdul Rehman Makk:पाकिस्तान आतंकियों के लिए पनाहगाह बना हुआ है। यूएन और अमेरिका समेत दूसरे देश किसी आतंकी या आतंकी संगठन को ब्लैक लिस्ट में डालते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान शर्मसार होने की बजाय नासमझी दिखाता रहता है। लेकिन, जब कुदरत अपना कहर ढाती है तो कोई पक्षपात नहीं करता। कुछ ऐसा ही हुआ है आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ और मुंबई में मासूमों का खून बहाने वाले अब्दुल रहमान मक्की के साथ। जीवन के आखिरी पलों में उसकी हालत ऐसी थी कि वह अपनी ताकत से बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था। आखिरकार उसे मौत ले ही गई।
अब्दुल रहमान मक्की की हार्ट अटैक से मौत
26/11 का गुनहगार जिसने मुंबई की सड़कों को खून से लाल कर दिया, अब्दुल रहमान मक्की की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। लश्कर का डिप्टी चीफ होने के साथ ही वह आतंकी संगठन के संस्थापक हाफिज सईद का साला भी था। मक्की ने मुंबई हमले की साजिश रची थी। हमले को अंजाम देने में भी उसकी अहम भूमिका थी। मुंबई की सड़कों पर बेगुनाहों का खून बहाने वाले मक्की को भयानक मौत मिली।
जीवन के आखिरी पलों में वह बिस्तर से उठने में भी लाचार हो गया था। वह दूसरों की दया पर निर्भर हो गया था। जिन हाथों से वह बेगुनाहों की हत्या करता था, वे कांपने लगे और जिस शैतानी दिमाग से वह नरसंहार की साजिश रचता था, वह भी आखिरी पलों में कमजोर पड़ गया। आखिरकार दुनिया के इस सबसे खूंखार आतंकी की मौत हो गई। बताया जाता है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
हाफिज सईद का साया था मक्की
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर का खूंखार आतंकी था। लश्कर में उसकी भूमिका इसी बात से समझी जा सकती है कि वह आतंकी संगठन के संस्थापक हाफिज सईद का साला था। मक्की 2008 में मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमलों के पीछे मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। इस हमले में 175 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। यूएन ने मक्की को वर्ष 2023 में वैश्विक आतंकी घोषित किया था। इसके साथ ही उसकी संपत्तियां फ्रीज कर दी गई थीं और उसकी विदेश यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब्दुल रहमान मक्की को हाफिज सईद का साया भी माना जाता था।
खून की नदियां बहाने की दी थी धमकी
अब्दुल रहमान मक्की इस्लामाबाद में आयोजित कश्मीर एकजुटता दिवस में नियमित रूप से भाग लेता था। पाकिस्तान में हर साल फरवरी के महीने में इसका आयोजन किया जाता है। मुंबई हमले के करीब दो साल बाद 2010 में मक्की ने ऐसी ही एक बैठक में हिस्सा लिया था। मक्की ने धमकी दी थी कि कश्मीर पाकिस्तान को सौंप दिया जाए वरना भारत में खून की नदियां बह जाएंगी।
भारत को खुलेआम धमकी देने के बावजूद आतंकियों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मक्की अपने क्रूर, कट्टर और निर्दयी रवैये के लिए काफी कुख्यात था। पाकिस्तानी सरकार के साथ उनकी मिलीभगत इस बात से समझी जा सकती है कि इस्लामाबाद की किसी भी सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई।