India News (इंडिया न्यूज़), Fine on Donald Trump, दिल्ली: ज्यूरी ने डोनाल्ड ट्रम्प को 1990 के दशक में पत्रिका लेखक ई. जीन कैरोल के यौन शोषण के लिए हर्जाने के रूप में $5 मिलियन यानि की 50 लाख रुपए के भुगतान करने का आदेश दिया। कैरोल ने फैसले के बाद एक बयान में कहा, “आज दुनिया आखिरकार सच्चाई जान गई है। यह जीत केवल मेरे लिए नहीं है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए है जिन्होंने किसी पर विश्वास नहीं किया है।”
- साल 1996 का मामला
- फैसले के अपील करेंगे ट्रंप
- 25 अप्रैल चल रहा था मुकदमा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो 2024 में फिर से राष्टपति चुनाव लड़ना चाहते है इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, उनके वकील जोसेफ टैकोपिना ने मैनहट्टन संघीय अदालत के बाहर से जानकारी दी।
1996 का मामला
79 वर्षीय कैरोल ने सिविल ट्रायल के दौरान गवाही दी कि 76 वर्षीय ट्रम्प ने 1995-96 में मैनहट्टन के एक बर्गडॉर्फ गुडमैन डिपार्टमेंटल स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनका रेप किया और फिर अक्टूबर 2022 में अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर उन्हें बदनाम किया।
25 अप्रैल से शुरू हुआ मुकदमा
25 अप्रैल से शुरू हुई सुनवाई के दौरान ट्रंप अनुपस्थित रहे। अपने Truth सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने फैसले को अपमानजनक कहा और कहा कि उन्हें बिल्कुल नहीं पता कि महिला कौन थी। जूरी ने तीन घंटे से भी कम समय तक विचार-विमर्श किया। इसके छह पुरुषों और तीन महिलाओं की जूरी ने ट्रंप को आदेश दिया की वह कैरोल को 5 मिलियन डॉलर का भुगतान करे। अगर ट्रंप फैसले पर अपील करते है तो उन्हें फिलहाल पैसे का भुगतान नहीं करना होगा।
जानें पूरा मामला
लेखिका कैरल ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर यह आरोप लगाया था कि 1996 में मैनहट्टन के एक डिपार्टमेंटल स्टोर के ड्रेसिंग रूम में ट्रंप ने उनके साथ रेप किया था। इसका जिक्र सबसे पहले 2019 में एक किताब में उन्होंने किया। मालूम हो कि पिछले कुछ सालो में दर्जनभर से ज्यादा महिलाओं ने ट्रंप पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इनमे पॉर्नस्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के मामले में ट्रंप की काफी किरकिरी हुई थी। कहा जा रहा है कि यौन उत्पीड़न के इन मामलों से ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की उम्मीदों को झटका लग सकता है।
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