India News (इंडिया न्यूज़), Europe Summer Death, दिल्ली: यूरोप को आमतौर पर ठंडा महादेश माना जाता है। कई देशों में तो 6-6 महीने तक ठंड पड़ती है। अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसने सबको चौंका दिया है। स्टडी में बात सामने आई है की तेज गर्मी के काराण के यूरोप में 62000 लोगों की मौत हुई है। यूरोप में गर्मी को साइलेंट किलर कहा जा रहा है। नेचर मेडिसिन जर्नल की तरफ से की गई इस अध्ययन में बात सामने आई है।

  • साइलेंट किलर कहा गया
  • इटली में 18000 लोगों मरे
  • महिलाओं और बच्चों की जान गई

स्टडी में कहां गया कि पिछले साल 30 मई से 4 सितंबर के बीच गर्मी से जुड़ी बीमारियों से 61,672 लोगों की जान गई। सबसे ज्यादा 18000 लोगों की जान इटली में गई। वही स्पेन में 11 हजार तो जर्मनी में 8000 लोगों की मौत हूई। मरने वालों लोगों में बुजुर्गों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। स्टडी में पाया गया की 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की मौतें बढ़ी है। वही पुरूषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु दर 63 प्रतिशत अधिक है।

35 देशों पर अध्ययन किया गया

स्टडी में साल 2015 से 2022 के बीच यूरोप के 35 देशों के तापमान औऱ मृत्यु दर का विश्लेषण किया गया। इन 35 लोगों में 54 करोड़ की आबादी रहती है। आईएसग्लोबल के महामारी विशेषज्ञ और अध्ययन के प्रमुख लेखक जोन बैलेस्टर ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि यह एक बहुत बड़ी संख्या है। यूरोस्टेट ने पिछले साल गर्मी की लहर से होने वाली मौतों की संख्या निर्धारित करने का प्रयास किया। यूरोस्टेट यूरोप का सांख्यिकीय कार्यालय है।

काफी हैरान करने वाला

उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, मैं एक महामारी वैज्ञानिक हूं, इसलिए मुझे पता है कि क्या उम्मीद करनी है और (मौतों की संख्या) आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन सामान्य आबादी के लिए, इसकी बहुत संभावना है कि यह काफी हैरान करने वाला है।’

2003 में 70,000 मौतें

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब यूरोप से इस तरफ की रिपोर्ट आई है। 2003 की गर्मियों में भी गर्मी की लहर के कारण 70,000 से अधिक मौतें हुईं। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पाया था की यह असाधारण दुर्लभ घटना थी। यह एक खतरे की घंटी थी। उस समय यूरोप में गर्मी से बड़े पैमाने पर हताहत होने की घटना को रोकने के लिए तैयारियों की कमी थी, इसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है।

यह भी पढ़े-