India News (इंडिया न्यूज),Religious Conversions:अक्सर भारत में धर्म परिवर्तन के मुद्दे सामने आते रहते हैं। लेकिन प्यू रिसर्च सर्वे ने ऐसा खुलासा किया है जिसे देख हर कोई हैरान है।प्यू रिसर्च सर्वे की माने तो पूरी दुनिया में धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा है। डेटा के मुताबिक दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन करने या नास्तिकता को मानने वालों की संख्या ईसाई धर्म में सबसे ज्यादा और बौद्ध धर्म में दूसरे नंबर पर है। बौद्ध बहुल देश दक्षिण कोरिया में धर्म के प्रति आस्था लगातार कम होती जा रही है। सर्वे में सामने आया है कि दक्षिण कोरिया में करीब 50 फीसदी लोग वयस्क होने पर उस धर्म से नाता तोड़ लेते हैं, जिसमें उनका जन्म हुआ था। इस मामले में हिंदू और मुसलमानों की स्थिति बेहतर है और उनका प्रतिशत काफी कम है। प्यू रिसर्च के मुताबिक भारत और बांग्लादेश में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन लगभग नगण्य है। यह सर्वे 36 देशों के 80,000 लोगों पर किया गया है।
अमेरिका में हिंदू धर्म से लोग तोड़ रहे हैं नाता
दूसरी तरफ हिंदू धर्म से नाता तोड़ने वालों की संख्या अमेरिका में सबसे ज्यादा है। भारत या दूसरे देशों से अमेरिका गए हिंदुओं का जब सर्वे किया गया, तो पता चला कि 18 फीसदी लोगों ने अपना जन्म वाला धर्म बदल लिया है। इनमें से ज़्यादातर लोग अब खुद को नास्तिक कहलाना पसंद करते हैं या ईसाई धर्म अपना चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर श्रीलंका है। यहां 11 प्रतिशत हिंदू ऐसे हैं जिन्होंने अपना धर्म छोड़ दिया है। ये लोग ईसाई बन गए हैं।
लेकिन अगर भारत और दुनिया भर के दूसरे देशों का सर्वे करें तो अपना धर्म छोड़ने वाले हिंदुओं की संख्या ईसाई और बौद्ध धर्म के लोगों से कहीं कम है। हिंदुओं और मुसलमानों की एक बड़ी आबादी है जो अपने जन्म के धर्म से चिपके हुए हैं। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि अगर हिंदू धर्म छोड़ने वालों की संख्या कम है तो इसमें शामिल होने वालों की संख्या भी कम है।
भारत में क्या है हाल ?
सर्वे में भारत, श्रीलंका, अमेरिका और बांग्लादेश के हिंदुओं के बारे में जानकारी जुटाई गई है। यह बात सामने आई है कि भारत के 99 प्रतिशत हिंदू अपने जन्म के धर्म से चिपके हुए हैं। बांग्लादेश का भी यही हाल है। श्रीलंका में 11 प्रतिशत हिंदू अपना जन्म का धर्म छोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा सबसे ज़्यादा यानी 18 प्रतिशत है। अगर धर्म छोड़ने वालों की बात करें तो इनमें से ज़्यादातर शिक्षित युवा हैं। इतना ही नहीं, अगर लिंग के आधार पर देखा जाए तो इनमें ज़्यादातर पुरुषों का है। महिलाएं आमतौर पर अपने जन्म धर्म से जुड़ी रहती हैं।
इस धर्म के लोग सबसे ज्यादा छोड़ रहे हैं अपना जन्म धर्म
अपना जन्म धर्म छोड़ने वालों में सबसे बड़ी संख्या ईसाई और बौद्ध लोगों की है। स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड, जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और इटली जैसे देशों में ईसाई समुदाय के लोग तेजी से अपना धर्म छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, इस धर्म से जुड़ने वाले लोगों की संख्या भी बहुत कम है। आंकड़े बताते हैं कि स्पेन में 36 फीसदी ईसाई युवा होते ही अपना जन्म धर्म छोड़ देते हैं। अमेरिका में यह आंकड़ा 22 फीसदी, ब्रिटेन, फ्रांस में 28 फीसदी और जर्मनी, नीदरलैंड और स्वीडन जैसे देशों में 30 फीसदी है। कनाडा में भी 29 फीसदी ईसाई अपने धर्म से नाता तोड़ लेते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग नास्तिक कहलाना पसंद करते हैं। अब अगर बौद्धों की बात करें तो दक्षिण कोरिया, जापान जैसे देशों में धर्म के प्रति आस्था और रुचि लगातार कम होती जा रही है। दक्षिण कोरिया में यह आंकड़ा 50 फीसदी तक है।
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