India News (इंडिया न्यूज),रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख और अर्जेंटीना के पहले गैर-यूरोपीय पोप पोप फ्रांसिस का वेटिकन सिटी में सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। जिसके बाद से  लोग पोप फ्रांसिस के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। 13वीं सदी में पहले गैर-यूरोपीय पोप चुने गए फ्रांसिस अपने उदार, राजनीतिक और विवादास्पद विचारों के लिए जाने जाते थे। उनके बचपन का नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था। उनका जन्म 1936 में ब्यूनस आयर्स में एक इतालवी अप्रवासी परिवार में हुआ था।तो चलिए जानते हैं कि पोप के किशोर प्रेम प्रसंग के बारे में जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

अमालिया नाम की लड़की से प्यार

जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को 12 साल की उम्र में उन्हें अमालिया नाम की लड़की से प्यार हो गया था। अमालिया के मुताबिक, उनके माता-पिता दोनों ही इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि उनके बच्चे इतनी कम उम्र में प्यार में पड़ जाएं, लेकिन फिर भी जॉर्ज ने अमालिया के सामने शादी का प्रस्ताव रखा।

द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमालिया ने हंसते हुए याद किया, ‘उसने कहा कि अगर मैं हां नहीं कहूंगी तो उसे पादरी बनना पड़ेगा। मैंने मना कर दिया और यह उसके लिए सौभाग्य की बात थी।’ इसे इतिहास की सबसे बड़ी अस्वीकृति के तौर पर देखा जा सकता है। क्योंकि जॉर्ज न सिर्फ पादरी बने, बल्कि वे रोमन कैथोलिक चर्च के मुखिया भी बन गए।

नाइट क्लब बाउंसर के  तौर पर किया काम

पोप फ्रांसिस का  जन्म एक इतालवी अप्रवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना पूरा बचपन और युवावस्था ब्यूनस आयर्स में बिताई। जहाँ उन्होंने स्कूली शिक्षा प्राप्त की। फिर कॉलेज में रसायन विज्ञान में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने नाइट क्लब बाउंसर, केमिकल लैब तकनीशियन और सफाई कर्मचारी सहित कई नौकरियाँ कीं। इस दौरान उनके जीवन में महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव भी हुए, जिसने उन्हें पुजारी बनने के लिए प्रेरित किया।

समलैंगिकता पर उदार रुख

2013 में पोप चुने गए फ्रांसिस ने अपनी सादगी और अनौपचारिक शैली के लिए दुनिया भर में प्रशंसक बनाए। उन्होंने समलैंगिकता पर उदार रुख अपनाते हुए कहा, ‘अगर कोई समलैंगिक है और ईश्वर की खोज करता है, तो मैं कौन होता हूं उसे जज करने वाला?’

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