India News (इंडिया न्यूज), Middle East:ट्रंप ने गाजा के लिए विनाशकारी नीति बनाई है, जिसके खिलाफ अरब देश सामने आए हैं। हालांकि, इस बीच युद्ध विराम को आगे बढ़ाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। इजरायल के प्रतिनिधि कतर पहुंच चुके हैं, लेकिन अरब देशों की हालत यह है कि अगर गाजा से लोगों का विस्थापन नहीं रुका तो अरब देश साथ नहीं देंगे। इसका सीधा मतलब है कि मध्य पूर्व में हालात और खराब होने वाले हैं, जिससे अरब एक बार फिर जल सकता है।

गाजा से लेकर वेस्ट बैंक तक काफी तबाही मची हुई है। वेस्ट बैंक से लेकर लेबनान तक बम गिराए जा रहे हैं। इतनी बड़ी तबाही देखकर अरब देश नाराज हो रहे हैं। अब युद्ध विराम को लेकर फिर से बातचीत शुरू हो सकती है, लेकिन इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि ट्रंप और नेतन्याहू का रवैया बदलेगा। इसके पीछे की वजह समझिए…

बंधकों की हालत देखकर ट्रंप नाराज हैं। गाजा से भागे लोग वापस लौटने लगे हैं। हमास के लड़ाके अपने ठिकानों से बाहर निकलने लगे हैं। लेबनान में हिजबुल्लाह भी मजबूत हो रहा है। ईरान लगातार प्रॉक्सी समूहों को हथियार सप्लाई कर रहा है, ऐसे में ट्रंप गाजा को समतल करने का आदेश दे सकते हैं, जबकि बेंजामिन नेतन्याहू पहले से ही बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच ट्रंप ने एक बयान जारी किया है।

बंधकों के साथ अमानवीय व्यवहार

पांचवें बैच में रिहा किए गए बंधक दयनीय हालत में पाए गए। उनके चेहरे देखकर धैर्य जवाब दे रहा है। ट्रंप का कहना है कि हमास ने बंधकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। क्रूरता की हदें पार कर दीं। हमास को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके जवाब में हमास ने भी इजरायली जेलों से रिहा किए गए लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें पहले और बाद की तस्वीरें सोशल साइट्स पर पोस्ट की गई हैं, लेकिन इजरायल ने हमले बंद नहीं किए हैं। हमास और हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि इजरायल ने लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।

इजराइल के मुताबिक मौजूदा हालात ऐसे हैं कि गाजा में संघर्ष विराम समझौते के तहत हमले बंद हो गए हैं और दोनों पक्ष संघर्ष विराम के दूसरे चरण में पहुंच गए हैं। लोग गाजा लौटने लगे हैं, जो सामान्य जीवन जीते नजर आ रहे हैं, लेकिन हमास के लड़ाके फिर से गाजा में नजर आ रहे हैं, बच्चों के हाथ में बंदूकें भी दिख रही हैं। बंधकों की स्थिति पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। अब ट्रंप ने इजरायल को हथियार बेचने की भी अनुमति दे दी है। ट्रंप के बयान के खिलाफ फिलिस्तीन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। साथ ही इजरायली सेना द्वारा बनाई गई सामूहिक कब्रों को देखकर हमास का गुस्सा उबल रहा है, जबकि ट्रंप गाजा को पर्यटन केंद्र बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिसके खिलाफ अरब देश सामने आए हैं।

सऊदी ने की निंदा

सऊदी अरब ने कहा है कि हम अमेरिकी नीतियों की निंदा करते हैं। गाजा में किसी भी तरह की अमेरिकी और इजरायली नीति को मंजूरी नहीं दी जाएगी, जिसमें फिलिस्तीनी शामिल न हों। इस बीच इजरायल का एक प्रतिनिधिमंडल कतर पहुंच गया है, ताकि अरब देशों को गाजा में अपनी रणनीति बढ़ाने के लिए तैयार किया जा सके। हालांकि कतर, जॉर्डन और मिस्र ने बेंजामिन और ट्रंप की उस योजना को मानने से इनकार कर दिया है, जिसके तहत गाजा के लोगों को इन देशों में विस्थापित किया जाना था।

अब सवाल यह उठ रहा है कि जब अरब देश फिलिस्तीनियों को शरणार्थी बनाने से इनकार कर रहे हैं और अमेरिका-इजराइल उन्हें वापस गाजा में नहीं देखना चाहते तो वे हजारों-लाखों लोग कहां जाएंगे, जबकि अब अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने गाजा के लिए मानवीय सहायता भी रोक दी है।

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