India News (इंडिया न्यूज), Syria Conflict : काफी समय तक शांत रहने वाले सीरिया एक बार फिर से संघर्ष से जूझ रहा है। वहां के इस्लामिस्ट सीरियाई विपक्षी समूह हयात तहरीर अल-शाम ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। HTS और इसके नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी फिलहाल दुनिया को ये बात समझाने में लगे हुए हैं कि वो आतंकवादी नहीं हैं, जिन्हें औपचारिक रूप से आतंकवादी कहा जाता है। बल्कि एचटीएस खुद को असद के असली राजनीतिक विपक्ष के रूप में पेश कर रहे हैं। बता दें कि एचटीएस के नेतृत्व वाली सीरियाई विपक्षी सेनाओं ने 27 नवंबर को अचानक आक्रमण शुरू कर दिया। अचानक से हुए इस हमले के बाद असद शासन और उसके सहयोगियों ने अलेप्पो और हामा जैसे प्रमुख शहरों सहित बड़े भूभाग पर नियंत्रण खो दिया है। विपक्षी सेनाओं को रोकने के लिए अब असद की सेना पुलों को उड़ाने जैसे हताशाजनक उपायों का सहारा ले रहे हैं।
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एचटीएस का उदय
2011 में सीरियाई गृहयुद्ध के शुरूआती चरण में, एचटीएस का उदय अल-नुसरा फ्रंट से हुआ, जो सीरिया में अलकायदा का आधिकारिक सहयोगी था। उसके बाद से एचटीएस और जोलानी सालों से दुनिया को बता रहे हैं कि वे सीरिया में अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में एक कुशल, उदार सरकार चला रहे हैं। एचटीएस और जोलानी अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में अपने शासन को एक मॉडल के रूप में पेश करते हैं कि असद के शासन को उखाड़ फेंकने के अपने घोषित उद्देश्य में सफल होने के बाद पूरा सीरिया कैसा दिखेगा।
आईएसआईएस का सदस्य था जोलानी
बता दें कि एचटीएस मूलतः अलकायदा की सीरियाई शाखा के रूप में विकसित हो गया और 2016 में उसने समूह से अलग होने की घोषणा कर दी। 2016 में अलकायदा से अलग होने की घोषणा के बाद, एचटीएस और जोलानी ने उन्हें आतंकवादी या इस्लामवादी समूह के रूप में नहीं बल्कि असद के वास्तविक विरोधी के रूप में चित्रित करना शुरू कर दिया। एचटीएस ने सीरिया के इदलिब प्रांत पर नियंत्रण हासिल करने के बाद वहां एक सरकार स्थापित की और तब से इसे असद शासन या सऊदी अरब जैसे अन्य पश्चिम एशियाई राज्यों की तुलना में अधिक उदार प्रशासन के रूप में चित्रित किया है।