India News (इंडिया न्यूज), India America Relation: एक ओर जहां पूरे विश्व में रशिया और यूक्रेन के युद्ध से अशांति की और अनिश्चितिता बनी हुई है, वहीं कुछ लोग ऐसे हैं और भारत अमेरिका में भी फूट डलवाना चाहते हैं। दरअसल आर्थिक थिंक टैंक GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ हर तरह की बातचीत से पीछे हट जाना चाहिए। साथ ही उसे ट्रंप प्रशासन के साथ उसी तरह बातचीत करने की तैयारी करनी चाहिए, जैसे चीन और कनाडा कर रहे हैं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका भारत पर ऐसी व्यापारिक मांगों को स्वीकार करने के लिए भारी दबाव डाल रहा है, जो मोटे तौर पर अमेरिकी हितों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके अधिकारियों ने ज्यादातर गलत आंकड़ों का इस्तेमाल कर भारत की आलोचना की है।

‘गलत आंकड़ों के जरिए भारत का अपमान कर रहे हैं ट्रंप’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘गलत आंकड़ों के जरिए ट्रंप सार्वजनिक रूप से भारत का अपमान कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी तरह से संतुलित नतीजा संभव नहीं है। भारत को ऐसी किसी भी बातचीत से पीछे हट जाना चाहिए और अन्य देशों की तरह इनसे निपटने की तैयारी करनी चाहिए।’ चीन और कनाडा ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाबी कदम उठाने की घोषणा की है।

ट्रंप का दावा, भारत अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करने पर राजी

ट्रंप ने दावा किया कि भारत अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करने पर सहमत हो गया है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘इस पर भारत की चुप्पी आश्चर्यजनक है और भारत को तथ्यों के साथ जवाब देने की जरूरत है। पूरी दुनिया देख रही है कि ट्रंप और उनके अधिकारी हर दिन भारत का अपमान कर रहे हैं।’ अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा है कि भारत को अपना कृषि बाजार खोलने की जरूरत है।

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चीन और कनाडा ने क्या किया?

अमेरिका ने पिछले कुछ दिनों में चीन, कनाडा, मैक्सिको और भारत पर टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप ने चीन पर 20 फीसदी और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने भारत पर भी इसी तरह के टैरिफ लगाने की बात कही थी। ट्रंप की इस घोषणा के बाद चीन और कनाडा ने जवाबी कार्रवाई की। कनाडा ने 30 अरब कनाडाई डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाया है। इसके अलावा अमेरिकी उत्पादों पर 25 फीसदी का अतिरिक्त अधिभार लगाया है। इसके अलावा चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाया है, जितना अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर लगाया है।

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