India News (इंडिया न्यूज), Indian Arrested in America : नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावों के दौरान अमेरिकी जमता से कई वादें किए थे। उन्हीं में से एक अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त नीति लाने का था। अब इसी कड़ी में भारतीयों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। असल में 19 दिसंबर को जारी अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल 2,647 भारतीयों को आव्रजन उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और इन सभी को डिपोर्ट किए जाने की संभावना है। इस खबर के सामने आने के बाद अमेरिका में रहने वाला भारतीय समुदाय शर्मिंदगी झेल रहा है। वहीं इस खबर से डोनाल्ड ट्रंप को भातीयों को कोसने का बहाना मिल गया है।
2647 भारतीयों को हिरासत में लिया गया
अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट की रिपोर्ट के मुताबिक इन मामलों में ज्यादातर वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रहने या अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की घटनाएं शामिल हैं। भारत के अलावा और देशों के नागरिक भी इसमें सामिल हैं। इनमें मेक्सिको (5,089), होंडुरास (2,957) और ग्वाटेमाला (2,713) के नागरिक शामिल हैं। भारत इश लिस्ट में चौथे नंबर पर है। ICE इन व्यक्तियों को डिपोर्ट करने की योजना बना रहा है और इसके लिए विशेष चार्टर्ड उड़ानों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि ICE के पास 18,000 भारतीयों की सूची है जिनके खिलाफ निष्कासन आदेश हैं, और इनमें से 2,647 भारतीय वर्तमान में हिरासत में हैं।
कुल 18 हजार भारतीय निकाले जाएंगे!
सामने आ रही खबरों के मुताबिक ICE की नजरें नवंबर 2024 में कुल 17,940 भारतीय ऐसे लोगों की सूची में शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ अंतिम निष्कासन आदेश निकाल गए हैं। वहीं 2024 में भारत डिपोर्ट किए गए लोगों की संख्या में 400% का इजाफा हुआ है। 2021 में कुल 59,011 लोगों को डिपोर्ट किया गया था, जिनमें से केवल 292 भारतीय थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 1,529 भारतीय हो गई है।
ट्रंप ने अपने कार्यकाल में 3,928 भारतीयों को किया डिपोर्ट
अपने पहले वाले कार्यकाल में ट्रंप पहले ही 2019 और 2020 में कुल 3,928 भारतीयों को वापस भारत भेज चुके हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने पहले ही कुछ लोगों को वापस भेजना शुरू कर दिया है। अक्टूबर 2024 में एक विशेष उड़ान नई दिल्ली में लैंड की, जिसमें लगभग 120 अवैध भारतीय अप्रवासियों को वापस भेजा गया।