India News (इंडिया न्यूज), Afghanistan: गुरूवार, 22 फरवरी को तालिबान ने एक फुटबॉल स्टेडियम में हत्या के दो दोषियों को सरेआम गोली मार दी। सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी अतीकुल्लाह दरविश ने कहा जिस वक्त सजा दी गई उस दौरान वहां हजारों लोग उपस्थित थे। इन दोनों दोषियों ने चाकू मारकर दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी। तालिबान प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने दोनों के मौत का फरमान जारी किया था।

हत्या के दोषी:

सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी दरविश ने कहा, इन दोनों लोगों को हत्या के अपराध में दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा इनकी दो सालों तक कोर्ट में सुनवाई के बाद आदेश पर हस्ताक्षर किये गये। हालांकि पीड़ित परिवार के लोगों से पुछा गया था कि वे क्या इन्हें बख्शना चाहते है लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया।

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सख्त इस्लामिक कानून लागू:

साल 2021 में अमेरिका के वापस जाने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता संभाली। तालिबान सरकार ने इसके बाद वहां सख्त इस्लामिक कानून लागू कर दिया है। तालिबान प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने 2022 में जजों को इस्लामी कानून को पूरी तरह से लागू करने का आदेश दिया। इस कानून के हिसाब से “आँख के बदले आँख” वाली सज़ा जिसे “क़िसास” कहा जाता है, भी शामिल है। इस्लामिक कानून को शरिया भी कहा जाता है।

तालिबान के शासन में आने के बाद तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में जाने पर भी रोक लगा दी है। महिलाओ को सार्वजनिक जगहों पर जैसे पार्क, जिम और मेले में जाने पर भी पाबंदी है।

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