India News (इंडिया न्यूज),Israel–Hamas War: हमास द्वारा इजराइल पर हमला किए एक साल हो चुका है और इसके बारे में अभी भी नए खुलासे हो रहे हैं। पिछले साल हुए हमास हमले के घाव अभी भरे नहीं हैं और हिजबुल्लाह, हमास और हौथी मिलकर और घाव देने में लगे हुए हैं। पश्चिमी देशों का कहना है कि इन सभी संगठनों को ईरान से मदद मिलती है, लेकिन ईरान ने 7 अक्टूबर के हमास हमले से इनकार किया है।ईरान ने दलील दी है कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमास हमले में ईरान का कोई हाथ नहीं है। ईरान के बयान में कहा गया है कि हमास के शीर्ष नेतृत्व को भी इस ऑपरेशन की जानकारी नहीं थी। ईरान का कहना है कि 7 अक्टूबर का हमला हमास की क़स्साम ब्रिगेड ने किया था और ईरान ने कभी इसके लिए फंड नहीं दिया।

ईरान पर लगाया यह आरोप

युद्ध की शुरुआत से ही इजराइल आरोप लगाता रहा है कि ईरान हमास को हथियार और वित्तीय मदद मुहैया करा रहा है। इसके साथ ही कई आरोप लगे हैं कि हमास ने 7 अक्टूबर का हमला ईरान की मदद से किया। ईरान ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उसे इस हमले की कोई जानकारी नहीं थी।

ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड

7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड शुरू किया और जमीन, आसमान और समुद्र के रास्ते इजरायल में घुस आए। हमास के लड़ाकों ने गाजा सीमा के पास कई बस्तियों पर घंटों तक अपना नियंत्रण बनाए रखा। हमास के लड़ाकों और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में करीब 1200 लोग मारे गए और करीब 250 इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया।

इस हमले के जवाब में इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। तब से गाजा में इजरायल के हमले जारी हैं और यह युद्ध लेबनान तक फैल गया है। इसके अलावा इजरायल और ईरान के बीच भी युद्ध की संभावना बढ़ गई है।

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