India News (इंडिया न्यूज), America Dependent On Indian Medicines: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक तरफ खुद को भारत का हितैषी बताते हैं और दूसरी तरफ देश पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाकर बोझ भी डाल देते हैं। हालांकि, ट्रंप ये भूल गए हैं कि भारत के उन पर कितने एहसान हैं। जिसमें से एक वो दवाइयां हैं, जिनसे अमेरिका के लोग बीमारियों से लड़ते हैं। यही नहीं भारत की ये दवाइयां अमेरिका को इतना आर्थिक फायदा पहुंचाती हैं, जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। ट्रंप की जिद से अब अमेरिका के स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा…जिसके कारण भारत की दवाइयों पर निर्भर अमेरिकी अभाव में कहीं दम ना तोड़ दें।
क्या है दवाइयों का गणित?
दरअसल, अमेरिका भारत से जेनेरिक दवाएं मंगाता है, जो बेहद सस्ते दामों पर मिलती हैं। अमेरिका में सस्ती दवाइयों की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा भारत पूरा करता है। बीबीसी के मुताबिक अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली 10 दवाइयों में 9 भारत से आयात होती है। यानी अमेरिकन सोसाइटी के गरीब लोग इन्हीं दवाइयों पर निर्भर हैं। सिर्फ यही नहीं मेंटल हेल्थ के लिए दवाइयों में से 60 प्रतिशत भारत से ही आता है।
कैसे America को होता है फायदा?
बताया जा रहा है कि इन सस्ती दवाइयों से अपने बीमार लोगों को ठीक करने के साथ-साथ अमेरिका हर साल अरबों डॉलर की बचत करके फायदा भी उठाता है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये बचत 219 अरब डॉलर बताया जा रहा है।
नुकसान में डूबेंगे ये लोग
अब ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के चक्कर में ये सस्ती दवाएं अमेरिकी बाजार से कम होते-होते गायब हो सकती हैं। भारतीय कंपनियों को अमेरिका के मार्केट से हटने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है और नतीजन अमेरिका दो तरफा नुकसान झेलेगा। सिर्फ अमेरिका ही क्यों भारतीय कंपनियों को इसकी वजह से भारी नुकसान होगा क्योंकि रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद इन कंपनीज के निर्यात 11 फीसदी टैरिफ लगेगा।