India News (इंडिया न्यूज), Trump On Pakistan: अमेरिका की कुर्सी संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप का अहंकार सातवें आसमान पर पहुंच गया है। वो पूरी दुनिया के निजी मामलों में टांग अड़ा रहे हैं, इसमें जो उन्हें भाव नहीं दे रहा है, उसे दुश्मन मान बैठे हैं और किसी ने अगर भाव दे दिया तो उस पर कृपा बरसा रहे हैं। ऐसी कृपा पाकिस्तान पर बरस रही है, जो कभी भारत पर बरसा करती थी। शाहबाज के साथ दोस्ती में वे यह भी भूल गए हैं कि वे उसी पाकिस्तान के पीएम हैं, जहां 9/11 हमले का मास्टरमाइंड सालों तक मौज-मस्ती करता रहा था।

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को साधु-संत मान रहे हैं, इसीलिए वे हर मंच पर आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान को पीड़ित बताने में जुटे हैं।

12 देशों पर प्रतिबंध लेकिन आतंकिस्तान पर प्यार

डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने सबको हैरान किया है। बता दें कि उन्होंने दुनिया के 12 ऐसे देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित किया है। इस सूची में ज्यादातर नाम उन देशों के हैं, जहां मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है और आतंकवाद की जड़ें मजबूत हैं। इस सूची में अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन का नाम शामिल है, लेकिन पाकिस्तान का नाम इसमें शामिल नहीं है। अगर ट्रंप को इन देशों में फैले आतंकवाद से खतरा महसूस होता है, तो पाकिस्तान से क्यों नहीं?

ट्रंप 9/11 को भी भूल गए

22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर के पहलगाम में घुसकर आतंकियों ने जिस तरह से भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया, उससे डोनाल्ड ट्रंप भी अनजान नहीं होंगे। धार्मिक आतंकवाद का शिकार हुए निर्दोष लोगों की हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। उस समय अमेरिका ने भी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का राग अलापा था, लेकिन जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई की, तो ट्रंप ने एक बार भी भारत के पक्ष में कुछ नहीं कहा। आए भी तो युद्ध विराम और पाकिस्तान के साथ समझौते की झूठी कहानी लेकर आए। जब ​​भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तो ट्रंप को एबटाबाद में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपरेशन याद नहीं आया। न ही उन्हें अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की नृशंस हत्या याद आई, जिसके अपराधी को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया था।

शहबाज ने ट्रंप को ‘शांति का मसीहा’ बताया

दूसरी ओर, अमेरिका की आजादी की 249वीं वर्षगांठ पर अमेरिकी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में शहबाज शरीफ शामिल हुए। उन्होंने न सिर्फ अमेरिका के संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि ट्रंप की तारीफ भी करते रहे। उन्होंने ट्रंप को शांति का मसीहा बताया और कहा कि वे युद्ध के खिलाफ हैं और शांति-व्यापार के समर्थक हैं। बदले में डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को ट्रैवल बैन की सूची में शामिल न करके क्लीन चिट दे दी है। वह आतंकवाद का प्रायोजक नहीं बल्कि पीड़ित है।

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश, पड़ोस में हिंदू भाई ज्यादा हैं तो…मुस्लिम समुदाय को चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी का बकरीद पर खास संदेश

डोनाल्ड ट्रंप का दोहरा व्यवहार

यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप इस तरह की दोहरी नीति अपना रहे हैं। पाकिस्तान को लेकर भी वह पहले ऐसा कर चुके हैं। एक तरफ वह अमेरिका की रक्षा करने और किसी भी कीमत पर आतंकवाद को खत्म करने की कसम खाते हैं, वहीं दूसरी तरफ वह पाकिस्तान जैसे देश के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने अपने अरब दौरे के दौरान भी कुछ ऐसा ही किया था, जब उन्होंने अलकायदा के पूर्व आतंकवादी और सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से दोस्त की तरह हाथ मिलाया था। अमेरिका ने कभी अल-शरा पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था और ट्रंप ने अब उसे महान और मजबूत व्यक्तित्व वाला घोषित किया है। ऐसे में भारत आतंकवाद को खत्म करने के मंच पर डोनाल्ड ट्रंप से साझेदारी की उम्मीद कैसे कर सकता है!

इंसान ने अपने हाथों तैयार कर लिया भस्मासुर, 2040 तक मनुष्य को गुलाम बना लेगा AI रोबोट, 8500 वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी ने मचाई सनसनी