India News(इंडिया न्यूज), Bangladesh-India Tension: 5 अगस्त, 2024 से बांग्लादेश की दुर्गति शुरू हुई थी, जो अब तक नहीं रुकी थी। इस तारीख से पहले तक भारत से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था अब पाकिस्तान से भी बदतर हो गई है। यूं तो बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों ने पैर पसार लिया है, लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो भारत से ही मदद मांगनी पड़ती है। दरअसल, पूरा मामला ये है कि, यूनुस सरकार ने म्यांमार से 22000 टन चावल की मांग की थी। इससे पहले भारत ने बांग्लादेश को बासमती चावल भी दिया था। 

डीजल आयात करने का लिया फैसला

इसके अलावा भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक और सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसी) ने भारत की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से 130,000 मीट्रिक टन डीजल आयात करने का फैसला किया है। अहसान तस्नीम की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (12 जनवरी 2025) को बीपीसी के निदेशक मंडल की बैठक में इस संबंध में फैसले को मंजूरी दी गई। बांग्लादेश ऐसे समय में भारत से आयात कर रहा है, जब वह लगातार भारत पर कई आरोप लगाता रहा है।

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बीपीसी लगातार कर रहा है डीजल का आयात

बीपीसी के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि, यह डीजल इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच आयात किया जाएगा और इसकी कीमत 1,137 करोड़ बांग्लादेशी टका होगी। इस साल बीपीसी की रिफाइंड फ्यूल ऑयल की मांग 7.4 मिलियन मीट्रिक टन है। इसमें से 4.6 मिलियन टन डीजल है, जिसका 80% सीधे आयात किया जाता है। बाकी स्थानीय रिफाइनरियों से उपलब्ध है। बीपीसी नियमित रूप से एनआरएल से रिफाइंड फ्यूल ऑयल का आयात करती है। जनवरी 2016 से यह तेल ट्रेन से आ रहा है। इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत से 50,000 टन गैर-बासमती चावल आयात करने का फैसला किया था।

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