India News (इंडिया न्यूज), Chinese standard names Arunachal: भारत- पाकिस्तान के बाद अब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक बार फिर गरमा गया है। चीन ने न केवल अरुणाचल प्रदेश बल्कि कुल 27 जगहों के नए नाम जारी किए हैं। जिनमें से 26 जगहों को भारतीय नियंत्रण वाला इलाका माना जा रहा है। भारत ने इस कदम को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे निरर्थक और हास्यास्पद बताया है। भारत ने इस कदम को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि नाम बदलने से वास्तविकता नहीं बदलती। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के नए नामों की सूची जारी की है, जिसे वह “झांगनान” यानी “दक्षिण तिब्बत” कहता है।
इसमें 15 पहाड़, 5 रिहायशी इलाके, 4 दर्रे, 2 नदियां और 1 झील शामिल हैं। इन सभी जगहों के नाम चीनी, तिब्बती और रोमन पिनयिन (मंदारिन का रोमन संस्करण) में रखे गए हैं। साथ ही हाई-रिज़ॉल्यूशन मैप और सटीक लोकेशन (अक्षांश-देशांतर) भी जारी किए गए हैं। चीन ने कहा कि भौगोलिक नामों के प्रबंधन को लेकर स्टेट काउंसिल यानी उसकी कैबिनेट के प्रावधानों के तहत ये नाम तय किए गए हैं।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
चीन की इस हरकत को खारिज करते हुए भारत ने साफ कहा कि नाम बदलने से जमीनी हकीकत नहीं बदलती। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रचनात्मक नामकरण इस अटल सत्य को नहीं बदल सकता कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पहले कहा था कि अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा? चीन जो चाहे नाम रख सकता है, लेकिन वह हकीकत नहीं बदल सकता।
राजनयिक संबंधों पर असर
यह नाम बदलने की घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और चीन संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव कम करने के लिए समझौता हुआ था। वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने और सीधी उड़ानें शुरू करने जैसे कदमों पर भी चर्चा हुई थी। चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने को भी मंजूरी दे दी थी। लेकिन अब चीन के इस ताजा कदम से दोनों देशों के बीच सकारात्मक माहौल फिर से संकट का विषय बन गया है।
चीन पहले भी ऐसा कर चुका
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल का नाम बदला है। 2017 के बाद से यह पांचवीं बार है जब उसने ऐसी सूची जारी की है। 2017 में 6 जगहों के नाम बदले गए, 2021 में 15 जगहों के, 2023 में 11 जगहों के, मार्च 2024 में 30 जगहों के और मई 2025 में 27 नई जगहों के नाम बदले गए। इनमें से ज़्यादातर इलाके भारत के नियंत्रण में आते हैं। पिछले साल मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ था कि भारतीय सेना की सूचना युद्ध शाखा ने जवाब में तिब्बत क्षेत्र में 30 जगहों के नए नाम तैयार किए थे। हालांकि, इन नामों की कोई सार्वजनिक सूची सामने नहीं आई और न ही आगे कोई कार्रवाई की गई।