India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Hindu Priest: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई हैं। इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए भारत ने अपने विदेश सचिव को ढाका भेजा है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से साफ कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे समय में जब बांग्लादेश के हिंदू समुदाय एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, रमना हरिचंद मंदिर के सहायक सचिव अविनाश मित्रा के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
भड़काऊ बयान और प्रतिक्रिया
बता दें कि, हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। हालांकि, इस बैठक में हिंदू नेता शामिल नहीं हुए। इसके बावजूद अविनाश मित्रा ने हिंदू प्रतिनिधि के तौर पर इसमें हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान अविनाश मित्रा ने कथित तौर पर दावा किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई हिंसा नहीं होती। उनके इस बयान से बांग्लादेश के हिंदू समुदाय में गुस्सा भड़क गया। साथ ही स्थानीय हिंदू नेता और समुदाय उन्हें अब विभीषण कहकर संबोधित कर रहे हैं।
हिंदू समुदाय का गुस्सा
दरअसल, अविनाश मित्रा के बयान ने बांग्लादेशी मीडिया में भी हलचल मचा दी है। हिंदू समुदाय का मानना है कि इस तरह के बयानों से उनका संघर्ष कमजोर पड़ रहा है। उनका आरोप है कि अविनाश मित्रा मुहम्मद यूनुस के साथ दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को नजरअंदाज कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी तृणमूल कांग्रेस विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी और बिना बताए कुछ नहीं कहेगी। सीएम ने कहा कि हमारे विदेश सचिव बातचीत के लिए बांग्लादेश में हैं। हमें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए। हम जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारा देश एकजुट है।
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