India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh News: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने इस्तीफा देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक दलों के बीच चुनावी सुधारों पर आम सहमति नहीं बनने की स्थिति में वह अपना पद छोड़ देंगे। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब बांग्लादेश राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक असमानता और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। इसके साथ ही शेख हसीना की वापसी को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं।

शेख हसीना की चली गई थी कुर्सी

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अगस्त 2024 में छात्र आंदोलनों के बाद शेख हसीना की 15 साल पुरानी सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। यह विरोध छात्रों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ किया था, जो बाद में हिंसक टकराव में बदल गया। आंदोलन के दौरान 32 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद सेना ने अंतरिम सरकार बनाई और यूनुस को मुख्य सलाहकार (प्रधानमंत्री के पद के बराबर) नियुक्त किया।

  • 1 जुलाई: छात्रों ने सड़क और रेलमार्ग जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
  • 16 जुलाई: हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई।
  • 18 जुलाई: सरकारी टीवी स्टेशन समेत कई इमारतों में आग लगा दी गई।
  • 21 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने कोटा सिस्टम को अवैध घोषित कर दिया।
  • 5 अगस्त: प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोला, शेख हसीना देश छोड़कर चली गईं।

यूनुस का होने लगा विरोध

अब, करीब एक साल बाद, यूनुस की सरकार भी असहयोग, दबाव और विरोध का सामना कर रही है। नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता नाहिद इस्लाम ने कहा, “सर परेशान और निराश दिख रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें राजनीतिक समर्थन नहीं मिला तो वे काम नहीं कर पाएंगे।” इस्लाम ने यह भी कहा, “लोगों ने सिर्फ सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था बदलने के लिए आंदोलन किया था। सुधारों के बिना चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है।”

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अब तक चुनावों का नहीं हुआ ऐलान

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 8 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनने के इतने दिनों के बाद भी मोहम्मद यूनुस चुनाव नहीं करवा पाए हैं। चुनाव कराना तो दूर यूनुस की सरकार के पास अभी भी चुनाव की कोई तय तारीख नहीं है। बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) ने हाल ही में ढाका में एक विरोध प्रदर्शन किया और चुनाव की तय तारीख की मांग की। यूनुस ने अब तक बड़े सुधारों की घोषणा की है, लेकिन राजनीतिक आम सहमति के अभाव में वे उन्हें लागू नहीं कर पाए हैं।

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