India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 12 लोगों के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की है। पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश में अवामी लीग की सरकार गिर गई थी और शेख हसीना भारत भाग गई थीं और तब से वहीं रह रही हैं। बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीबी अदालतों, सरकारी अभियोजकों या जांच एजेंसियों की अपील के आधार पर इस तरह के अनुरोध करता है। पुलिस मुख्यालय में सागर ने इसकी पुष्टि की और कहा कि जांच के दौरान या चल रहे मामले की कार्यवाही में सामने आए आरोपों के संबंध में यह आवेदन दायर किया गया है।
दरअसल, इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण, उसे खोजने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए किया जाता है। इंटरपोल विदेश में रह रहे भगोड़ों के ठिकानों पर नजर रखता है। उसकी पहचान के बाद उस व्यक्ति से जुड़ी जानकारी अधिकारियों के साथ साझा की जाती है ताकि उसे उसके देश वापस लाया जा सके।
आईसीटी ने जारी किया वारंट
8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पदभार संभाला। जिम्मेदारी संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने शेख हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया। उन पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार’ का आरोप है।
भारत से वापस लाने का प्रयास
पिछले साल नवंबर में आईसीटी के मुख्य अभियोजक कार्यालय ने औपचारिक रूप से पुलिस मुख्यालय से शेख हसीना और भगोड़ों के रूप में पहचाने गए अन्य लोगों की गिरफ्तारी में इंटरपोल की मदद लेने का अनुरोध किया था। 21 जनवरी को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस लाने के अपने प्रयास जारी रखेगी और यदि आवश्यक हुआ तो अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करेगी।