India News (इंडिया न्यूज), Bangladeshi Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्हें घरों से निकाला जा रहा है और उनके घरों पर कब्जा किया जा रहा है। दुकानों को लूटा और जलाया जा रहा है। कट्टरपंथियों के दबाव में हिंदुओं को सरकारी और निजी कंपनियों से निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं देश को बदनामी और कलंक से बचाने के लिए वहां की सरकार हिंदुओं को भारत या किसी अन्य देश में जाने की इजाजत भी नहीं दे रही है। वहां हालात इतने खराब हैं कि अगर इजाजत मिल जाए तो बांग्लादेश से हर हिंदू भारत आ जाएगा।
बांग्लादेश स्थित एक शक्तिपीठ के पदाधिकारी ने दिया बड़ा बयान
बांग्लादेश स्थित एक शक्तिपीठ के पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर जागरण को बताया कि, अगर मेरी पहचान उजागर हुई तो बांग्लादेश पहुंचते ही मुझे मार दिया जाएगा। वहां कोई हिंदू सुरक्षित नहीं है। वे 16 दिन पहले भारत आए थे। उन्होंने बताया कि वे बहाना बनाकर 30 नवंबर से वाराणसी में आयोजित हो रहे 51 शक्तिपीठों और बारह ज्योतिर्लिंगों के दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने 16 दिन पहले भारत आए थे। वैध पासपोर्ट और वीजा होने के बावजूद उनके चार साथियों को एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन पुलिस ने रोक लिया।
बांग्लादेश से बाहर जाने वाले हिंदुओं के साथ किया जा रहा ये काम
बांग्लादेश से बाहर जाने वाले लगभग हर हिंदू के साथ एयरपोर्ट पर रोककर पूछताछ किया जा रहा है। उनपर आरोप होने पर तुरंत डिटेन कर दिया जा रहा है। बांग्लादेश सरकार को डर है कि अगर हिंदू वहां गए तो उन पर हो रहे अत्याचार और सरकार की नाकामी पूरी दुनिया के सामने आ जाएगी। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। मंदिरों को अपवित्र किया जा रहा है। वहशी लोग समूह में आते हैं और बहन-बेटियों का अपहरण कर लेते हैं। ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्हें बताना भी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में जहां वे रहते हैं, वहां हिंदुओं की संख्या कम है। हमेशा खतरा बना रहता है।
इंदिरा गांधी ने की थी बहुत बड़ी गलती
भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई, अलग राष्ट्र बनाया, वहां के हिंदुओं ने भी बंग-बंधु मुजीबुर्रहमान के साथ मिलकर देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, लेकिन आज वे कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इंदिरा गांधी ने बहुत बड़ी गलती की थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए अब बांग्लादेश का हर हिंदू मानता है कि 1971 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बहुत बड़ी गलती की थी। बांग्लादेश को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के बजाय उन्हें उसका भारत में विलय कर देना चाहिए था। उन दिनों हालात पूरी तरह से भारत और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पक्ष में थे।