India News (इंडिया न्यूज), Bashar-Al-Assad: साल 2024 बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया और सीरिया में तख्तापलट की गवाह बना। एक तरफ जहां 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। तो सीरिया में बांग्लादेश से अलग परिस्थितियों में बशर अल-असद को 8 दिसंबर, 2024 को देश छोड़कर रूस में शरण लेना पड़ा। दक्षिण कोरिया में भी राष्ट्रपति योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव हो चुका है। इसकी वजह मार्सल लॉ बताया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको सीरिया के राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने के आखिरी घंटों में सीरिया के क्या-क्या हुआ? असद ने किन-किन लोगों से संपर्क किया। उसके बार में चर्चा करेंगे।
देश छोड़ने के बारे में किसी को नहीं थी खबर
राष्ट्रपति बशर अल-असद के तख्तापलट को करीब एक सप्ताह बीत चुका है। असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। इस दौरान उनके विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की अफवाहें भी उड़ीं, हालांकि अगले दिन तक यह साफ हो गया कि वे सुरक्षित हैं और देश छोड़कर चले गए हैं। अब उनकी पहचान रूस में शरणार्थी के रूप में हुई और इस तरह सीरिया में असद परिवार की 50 साल पुरानी तानाशाही खत्म हो गई। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, असद के देश छोड़ने की भनक किसी को नहीं थी। असद ने अपने सहयोगियों, अधिकारियों और रिश्तेदारों पर भी भरोसा नहीं जताया। किसी को भनक तक नहीं लगने दी।
असद ने सैनिकों को दिए थे ये आदेश
मॉस्को भागने से कुछ घंटे पहले असद ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय में करीब 30 सेना और सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में आश्वासन दिया कि रूसी सैन्य सहायता जल्द ही पहुंच जाएगी। उन्होंने जमीन पर मौजूद सेना से मोर्चा संभालने का आग्रह किया। यह जानकारी बैठक में शामिल एक कमांडर ने नाम न बताने की शर्त पर दी। एक करीबी सहयोगी ने बताया कि असद ने शनिवार को अपने राष्ट्रपति कार्यालय के मैनेजर से कहा था कि वह काम खत्म करके घर जा रहे हैं, लेकिन इसके बजाय वह एयरपोर्ट चले गए।
असद ने अपने भाई को नहीं बताया
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, असद ने अपने छोटे भाई महेर को भी अपनी योजना के बारे में भनक तक नहीं लगने दी थी, जो सेना के कुलीन 4th आर्मर्ड डिवीजन के कमांडर थे। तीन सहयोगियों के अनुसार महेर हेलिकॉप्टर से इराक और फिर रूस चले गए।