India News (इंडिया न्यूज),Pakistan: पाकिस्तान इस समय मुश्किलों में है पहले ही देश खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रही है। वहीं अब बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाक सेना के नाक में दम कर रखा है। BLA के लड़ाके लगातार पाकिस्तान में तबाही मचा रहे हैं। हाल ही में BLA ने पाकिस्तान की एक पैसेंजर ट्रेन का अपहरण कर लिया था। जिसमें BLA ने दावा किया था कि वह पाकिस्तानी सेना से जुड़े 214 लोगों को मार गिराए हैं।इसके ठीक बाद BLA ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर बड़ा हमला किया जिसमें उसने दावा किया कि पाकिस्तान के 90 सैनिकों की मौत हो गई। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि केवल 28 सैनिक मारे गए और 33 बलूच लड़ाके मारे गए। सवाल उठता है कि पाकिस्तानी सेना अपने ही देश में इतनी लाचार क्यों दिख रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इसक एक बड़ा कारण चीन से मिलने वाले हथियार भी हो सकते हैं।

चीन के हैं 81 % हथियार

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, 2019 से 2024 के बीच पाकिस्तान ने अपने 81% हथियार चीन से खरीदे हैं। इससे पहले के सालों में यह आंकड़ा 74% था, यानी पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता लगातार बढ़ी है। इस बढ़ती सैन्य साझेदारी ने एक मायने में इस्लामाबाद की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया है, लेकिन कई गंभीर जोखिम भी पैदा किए हैं। चीनी हथियार क्यों नुकसानदेह हैं

रक्षा जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर है पाकिस्तान

पाकिस्तान अपनी रक्षा जरूरतों के लिए लंबे समय से बाहरी देशों पर निर्भर रहा है। चीन के साथ वर्षों के सहयोग के बावजूद पाकिस्तान की घरेलू हथियार बनाने की क्षमता बेहद सीमित है। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान-चीन रक्षा साझेदारी का प्रतीक माने जाने वाले JF-17 फाइटर जेट को भी ज्यादातर चीनी पुर्जों से बनाया जाता है।इसी तरह, पाकिस्तान की नौसेना और मिसाइल सिस्टम भी चीनी तकनीक पर निर्भर हैं। पाकिस्तान ने चीन से लंबी दूरी के टोही ड्रोन, टाइप 054A गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट और 600 से अधिक VT-4 युद्धक टैंक खरीदे हैं। लेकिन चीनी हथियारों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। युद्ध के दौरान जब हथियारों का प्रदर्शन मायने रखता है, तो पाकिस्तानी सेना की स्थिति कमजोर होती जा रही है।

अत्याधुनिक हथियारों से लैस है BLA

दूसरी ओर, पाकिस्तान का दावा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों के पास अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार हैं। इनमें एम3 टैंक-ब्लास्टिंग ग्रेनेड, एम16 मशीन गन, एम4 असॉल्ट राइफल, नाइट-विज़न गॉगल्स और मिलिट्री कम्युनिकेशन गियर जैसे उन्नत हथियार शामिल हैं। ऐसे में जब पाकिस्तानी सेना चीनी हथियारों के भरोसे लड़ रही है और बलूच लड़ाके अमेरिका में बने आधुनिक हथियारों से लैस हैं, तो साफ तौर पर समझा जा सकता है कि तकनीकी स्तर पर भी पाकिस्तानी सेना पिछड़ रही है।

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